1.24 प्रशिक्षित स्नातक शिक्षा मित्रों की याचिका भोला शुक्ला केस मे आज आये सुप्रीम कोर्ट के आदेश के निम्न तथ्य आए सामने
1.24 प्रशिक्षित स्नातक शिक्षा मित्रों की याचिका भोला शुक्ला केस मे आज आये सुप्रीम कोर्ट के आदेश के निम्न तथ्य आए सामने
मित्रों, 1.24 प्रशिक्षित स्नातक शिक्षा मित्रों की याचिका भोला शुक्ला केस मे आज आये सुप्रीम कोर्ट के आदेश के निम्न तथ्य सामने आते है।
1- राज्य सरकार 6 सप्ताह के भीतर रिक्त पदों की जानकारी करके भर्ती प्रक्रिया शुरू करे, और 6 माह के अंदर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करे।।
2- राज्य सरकार किसी को भी न्यूनतम योग्यता में छूट नहीं दे सकती। सिर्फ योग्यता प्राप्त शिक्षामित्रों को आयु और भारांक (वेटेज) दिया जाये, जो राज्य सरकार के द्वारा तय किया गया हो।
4- शिक्षक भर्ती मे पूर्व में दिये गए अवसरों के बाद भी अगली भर्तियों में यह छूट प्राप्त हो सकती है।
5- सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह सलाह भी दी गयी है कि पहले से निर्धारित भारांक (वेटेज) को प्रति 4 वर्ष के अनुभव के लिए 1% बढ़ाया जा सकता है या जैसा राज्य सरकार निर्धारित करे।
कुल मिलाकर इस आर्डर के बाद अब टेट पास शिक्षामित्र साथियों के अच्छे दिन शुरू हो जायेगे। बाकी नान टेट जिन्हें 38878 का शिगूफा जो कुछ लोग दिखा रहे थे, उसपर पूर्ण विराम लग गया है। और इस आर्डर के बाद अब सरकार के रहमों करम पर ही रहना है। जो 25 जुलाई 2017 के आर्डर मे भी मेन्शन था, इसलिए मेरा तो बस एक ही सुझाव है। जो पहले भी रहा है कि बाबा बहुत दयालु है। बस उनकी दयालुता प्राप्त करने की आवश्यकता है। तभी 62 साल तक भविष्य सुरक्षित हो सकता है। वरना आज के आर्डर को पढकर लो, अगर इसी तरह भौडापंती करते रहे तो बहुत कठिन डगर होगी पनघट की, मतलब नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद 2022 तक बिभाग मे बने रहने की। कुछ सोसल मीडिया वीर मेरी इस पोस्ट को पढने के बाद मुझे भक्त भी कहेगे, तो उनके लिए बस इतना कहूंगा कि आज के आर्डर को किसी अच्छे वकील से हिन्दी अनुवाद कराकर समझ लो, तुम भी अगर भविष्य की चिंता मे बे मन से ही सही भक्त ना बन जाओ तो कहना। धन्यवाद।।
ह्रदयेश दुबे🙏🏻
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