69000 प्राइम टाइम स्पेशल पोस्ट: कल न्यूज़ सेंटर समूह पर किसी ने 'रूल ऑफ गेम ऑफ चेंज' पर एक सवाल रखा कि किसी भी भर्ती में नियमो में बदलाव का होना कब से माना जा सकता है या जाएगा।??
69000 प्राइम टाइम स्पेशल पोस्ट: कल न्यूज़ सेंटर समूह पर किसी ने 'रूल ऑफ गेम ऑफ चेंज' पर एक सवाल रखा कि किसी भी भर्ती में नियमो में बदलाव का होना कब से माना जा सकता है या जाएगा।??
*प्राइम टाइम स्पेशल पोस्ट*
कल न्यूज़ सेंटर समूह पर किसी ने 'रूल ऑफ गेम ऑफ चेंज' पर एक सवाल रखा कि किसी भी भर्ती में नियमो में बदलाव का होना कबसे माना जा सकता है या जाएगा।
*1- विज्ञापन से पहले*
*2- परीक्षा से पहले*
_अब इस सवाल का जवाब मैं *सुप्रीम कोर्ट में 5 जजो की पीठ में लंबित तेज प्रकश पाठक(सुपरा)* में सम्मिलित पॉइंट्स के आधार पर देना चाहूंगा।
_ध्यान दे, तेज प्रकाश पाठक कहता है कि परीक्षा होने से पहले तक नियमो में बदलाव किया जा सकता है जबकि अभी तक सुप्रीम कोर्ट केवल विज्ञापन की तिथि को हो बदलाव की अंतिम तिथि मानता आया है और इसी बिना पर मूल विज्ञापन आज तक जीतता आया है फिर चाहे वो *72825 हो या 68500 हो या पुलिस भर्ती* हो आदि आदि।_
_चूंकि तेज प्रकाश पाठक अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और उसका फैसला अभी नही आया है और जब तक वो अपैक्स कोर्ट से डिसाइड नही होता तब तक उस केस को किसी भी मामले में नज़ीर के तौर पर पेश नही किया जा सकता अब उक्त स्थिति में यदि तेज प्रकाश पाठक सुप्रीम कोर्ट से निस्तारित होता भी है तो मुद्दा केवल ये है को *रूल ऑफ गेम ऑफ चैंज* कबसे माना जाए❓_
*विज्ञापन से पहले या परीक्षा से पहले*
यानी तेज प्रकाश पाठक यदि सुप्रीम कोर्ट सेजीत भी गया तो तब भी रूल ऑफ गेम ऑफ चेंज का निर्धारण नियोक्ता को भर्ती परीक्षा से पहले ही करना होगा,
जबकि 69000 में तो सब कुछ परीक्षा बीत जाने के बाद किया गया है इसलिए अब आप खुद ही अनुमान लगा ले कि 69000 में क्या होगा???😊😊जबकि 69000 में तो सब कुछ परीक्षा बीत जाने के बाद किया गया है इसलिए अब आप खुद ही अनुमान लगा ले कि 69000 में क्या होगा???😊😊
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