माननीय बेसिक शिक्षा मंत्री जी ने लंदन से लौटने के बाद आज की प्रेस वार्ता, जानिए कैसा रहा यह शैक्षिक सम्मलेन
माननीय बेसिक शिक्षा मंत्री जी ने लंदन से लौटने के बाद आज की प्रेस वार्ता, जानिए कैसा रहा यह शैक्षिक सम्मलेन
आज विधान भवन स्थित कक्ष संख्या-80 में आयोजित प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए बताया कि लंदन में वेस्टमिनिस्टर स्थित क्वीन एलीजाबेथ सेन्टर ब्रिटिश काउसिंल द्वारा एजुकेशन वर्ल्ड फोरम 19 जनवरी से 24 जनवरी, 2020 तक आयोजित किया गया। जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से प्रतिभाग किया।
सम्मेलन में विश्व के 150 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। फोरम में चर्चा का केन्द्र बिन्दु संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्य का चैथा बिन्दु था जिसमें कहां गया हैं कि सन् 2030 तक सम्पूर्ण विश्व में सभी बालक एवं बालिकाओं को निःशुल्क समान और गुणवत्ता पूर्ण प्राथमिक/माध्यमिक शिक्षा उपलब्ध करायी जायेगी।
सम्मेलन में एक महत्वपूर्ण तथ्य सामने आया कि विश्व के निम्न एवं माध्यम वर्ग आय वाले देशों में दस वर्ष की आयु के 53 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जो पढ़ने-लिखने और समझने में पूरी तरह समर्थ नहीं हैं। इसी तरह पूरे विश्व में लगभग- 26 करोड़ बच्चे और किशोर अभी भी स्कूल नहीं जाते हैं। फोरम में दुनियांभर से आये शिक्षा मंत्रियों ने अपने-अपने देशों की शिक्षा व्यवस्था विशेषकर स्कूली शिक्षा की वर्तमान स्थिति और शिक्षा में आने वाली चुनौतियां तथा उन चुनौतियों के समाधान हेतु प्रयासों पर चर्चा की गयी। सभी इस बात पर सहमत थे, कि जो बच्चे अभी भी स्कूल से बाहर हैं उनके स्कूल तक लाने का प्रयास किया जाय। शिक्षण, अधिगम के स्तर में सुधार की आवश्यकता है। स्मार्ट क्लाॅस जैसी सुविधाओं में विस्तार किया जाय और शिक्षा के स्तर को गुणवत्तापूर्ण बनाने के साथ ही साथ रूचिकर बनाया जाय।
सम्मेलन में विश्व के 150 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। फोरम में चर्चा का केन्द्र बिन्दु संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्य का चैथा बिन्दु था जिसमें कहां गया हैं कि सन् 2030 तक सम्पूर्ण विश्व में सभी बालक एवं बालिकाओं को निःशुल्क समान और गुणवत्ता पूर्ण प्राथमिक/माध्यमिक शिक्षा उपलब्ध करायी जायेगी।
सम्मेलन में एक महत्वपूर्ण तथ्य सामने आया कि विश्व के निम्न एवं माध्यम वर्ग आय वाले देशों में दस वर्ष की आयु के 53 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जो पढ़ने-लिखने और समझने में पूरी तरह समर्थ नहीं हैं। इसी तरह पूरे विश्व में लगभग- 26 करोड़ बच्चे और किशोर अभी भी स्कूल नहीं जाते हैं। फोरम में दुनियांभर से आये शिक्षा मंत्रियों ने अपने-अपने देशों की शिक्षा व्यवस्था विशेषकर स्कूली शिक्षा की वर्तमान स्थिति और शिक्षा में आने वाली चुनौतियां तथा उन चुनौतियों के समाधान हेतु प्रयासों पर चर्चा की गयी। सभी इस बात पर सहमत थे, कि जो बच्चे अभी भी स्कूल से बाहर हैं उनके स्कूल तक लाने का प्रयास किया जाय। शिक्षण, अधिगम के स्तर में सुधार की आवश्यकता है। स्मार्ट क्लाॅस जैसी सुविधाओं में विस्तार किया जाय और शिक्षा के स्तर को गुणवत्तापूर्ण बनाने के साथ ही साथ रूचिकर बनाया जाय।
लन्दन में आयोजित फोरम में भारत में शिक्षा क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों की चर्चा करते हुए उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के बारे में विस्तार से जानकारी दी, जिसमें मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, श्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार द्वारा किये जा रहे विशेष प्रयासों मुख्य रूप से कायाकल्प योजना, निःशुल्क शिक्षा, शिक्षकों की ट्रेनिंग, स्कूलों में इंग्लिश मीडियम की शिक्षा प्रदान करने, बालिकाओं की शिक्षा के लिये कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय सहित शिक्षा के क्षेत्र में सरकार द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
सम्मेलन मेें आये प्रतिनिधियों ने उत्तर प्रदेश में करोड़ों बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा सुविधाओं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिये किये जा रहे प्रयासों की सराहना की गयी तथा ब्रिटिश कांउसिंल और ओ0ई0सी0डी0 सहित विश्व की कई संस्थाओं और माइक्रोसाॅफ्ट तथा गूगल जैसी बड़ी कम्पनियों ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर काम करने की इच्छा भी व्यक्त की है।
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