69000 शिक्षक भर्ती में आज की सुनवाई का विस्तृत सार, बीएड लीगल टीम लखनऊ
69000 शिक्षक भर्ती में आज की सुनवाई का विस्तृत सार, बीएड लीगल टीम लखनऊ
दोस्तों आज हमारे 69000 मामले की सुनवाई जैसे ही कोर्ट नम्बर एक मे शुरू हुई तब हमारी टीम के सीनियर अधिवक्ता चन्द्रा सर् और बीटीसी टीम के सीनियर अधिवक्ता कालिया सर् खड़े हुए और कालिया सर् ने अपना सबमिशन कोर्ट में रखना शुरू किया।।।दोस्तो हमारे मुख्य तीन मुद्दे हैं, कट ऑफ, भारांक और बीएड,जिसमें की अपने सबमिशन के दौरान कालिया सर् की पूरी बहस कट ऑफ मुद्दे को सुरक्षित करने की थी और उन्होंने बिन्दुवार दोनों भर्तियों को अलग-अलग साबित करते हुए कट ऑफ के एक -एक पहलु पर कोर्ट को आस्वस्त किया।।जिससे कोर्ट संतुष्ट भी नज़र आई किन्तु उनकी बहस में बीएड मुद्दे और भारांक मुद्दे पर कोई खास प्रहार नही किया गया।।।साथियों हमारे अधिवक्ताओ के अनुसार और स्वयं के विवेकानुसार 60-65 इसलिए है क्योंकि बीएड है इसीलिए कोर्ट को हर मुद्दे पर सन्तुष्ट करना जरूरी है क्योंकि विपक्षी अधिवक्ताओ का मुख्य टारगेट कट ऑफ मुद्दा न होकर बीएड मुद्दा है।।
साथियों कालिया सर् की बहस सवा दो बजे से शुरु होकर 3:25तक चली और जैसे ही कालिया सर् की बहस खत्म हुई हमारी टीम की तरफ से टॉप मोस्ट सीनियर अधिवक्ता चन्द्रा सर् ने अपना सबमिशन रखना शुरू कर दिया।।।साथियों हमारी टीम के अधिवक्ताओ के पास तीनों मुद्दे,कट ऑफ, भारांक और बीएड लेकिन चूँकि कालिया सर् की बहस के दौरान कट ऑफ मुद्दे पर लगभग बहस की जा चुकी थी इसलिए चन्द्रा सर् ने कमान सम्भालते हुए सीधे भारांक रूपी कमर पर प्रहार किया और आनंद बनाम स्टेट के आर्डर का हवाला देते हुए शिक्षामित्रों को भारांक कब दिया जाएगा इस चीज को कोर्ट के सामने प्रस्तुत किया।।इसके पश्चात चन्द्रा सर् ने कुलभूषण मिश्रा के जजमेंट के आधार पर ATRE-1में रिट प्रीतिशन पर आए जजमेंट का हवाला देते हुए बताया कि किसप्रकार भारांक सभी मानक पूरे करने के पश्चात ही दिया जाएगा।।।उन्होंने भोला प्रसाद VS यूनियन ऑफ इंडिया के आदेश का सहारा लेते हुए कोर्ट को बताया कि किसप्रकार दिया जानेवाला भारांक,भारांक न रहकर धरती का बोझ बन गया है जिसके आधार पर शिक्षामित्र सीधे नियुक्ति पाना चाहता है।।।इसप्रकार उन्होंने भारांक मुद्दे पर कोर्ट को सन्तुष्ट किया।।इसके पश्चात उन्होंने बीएड मुद्दे को पकड़ते हुए मुख्य 25 वें संशोधन पर कोर्ट को बताया कि जज साहब 25 वें संशोधन का 7 जनवरी 2019 को क्या औचित्य था क्योंकि तबतक तो सभी अभ्यर्थियों का मुख्य उद्देश्य परीक्षा को पास करना था न कि नियुक्ति पाना, क्योंकि 25 वें संशोधन में इस बात का उल्लेख है कि बीएड के क्वालिटी पॉइंट्स मार्क्स कैसे जुड़ेंगे और अब अगला नियुक्ति का विज्ञापन आने पर ही उस संशोधन की जरूरत पड़ेगी और यह भर्ती तो अभीतक शुरू ही नहीं हुई है जबकि यह सिर्फ पात्रता मापदंड का एक चरण है और भर्ती का विज्ञापन तो अभी आना बाकी है।।।
दोस्तों चन्द्रा सर् जब कोर्ट में भारांक पर अपना पक्ष रख रहे थे तब विपक्षी अधिवक्ता उपेंद्र मिश्र जी ने कोर्ट को डिस्टर्ब किया तो जज साहब ने डांटते हुए कहा कि mishra ji why are you interupt the court, दोस्तों इसके बाद मिश्रा जी बैठ गए,दोस्तों अब इससे पता चल गया है कि कोर्ट किसी के रिपीट अरगुएमेंट्स नही सुनेगी क्योंकि चन्द्रा सर् ने कट ऑफ मुद्दे को छोड़ते हुए सिर्फ भारांक और बीएड मुद्दे पर अभी प्रहार किया है।।।
साथियों कालिया सर् की बहस सवा दो बजे से शुरु होकर 3:25तक चली और जैसे ही कालिया सर् की बहस खत्म हुई हमारी टीम की तरफ से टॉप मोस्ट सीनियर अधिवक्ता चन्द्रा सर् ने अपना सबमिशन रखना शुरू कर दिया।।।साथियों हमारी टीम के अधिवक्ताओ के पास तीनों मुद्दे,कट ऑफ, भारांक और बीएड लेकिन चूँकि कालिया सर् की बहस के दौरान कट ऑफ मुद्दे पर लगभग बहस की जा चुकी थी इसलिए चन्द्रा सर् ने कमान सम्भालते हुए सीधे भारांक रूपी कमर पर प्रहार किया और आनंद बनाम स्टेट के आर्डर का हवाला देते हुए शिक्षामित्रों को भारांक कब दिया जाएगा इस चीज को कोर्ट के सामने प्रस्तुत किया।।इसके पश्चात चन्द्रा सर् ने कुलभूषण मिश्रा के जजमेंट के आधार पर ATRE-1में रिट प्रीतिशन पर आए जजमेंट का हवाला देते हुए बताया कि किसप्रकार भारांक सभी मानक पूरे करने के पश्चात ही दिया जाएगा।।।उन्होंने भोला प्रसाद VS यूनियन ऑफ इंडिया के आदेश का सहारा लेते हुए कोर्ट को बताया कि किसप्रकार दिया जानेवाला भारांक,भारांक न रहकर धरती का बोझ बन गया है जिसके आधार पर शिक्षामित्र सीधे नियुक्ति पाना चाहता है।।।इसप्रकार उन्होंने भारांक मुद्दे पर कोर्ट को सन्तुष्ट किया।।इसके पश्चात उन्होंने बीएड मुद्दे को पकड़ते हुए मुख्य 25 वें संशोधन पर कोर्ट को बताया कि जज साहब 25 वें संशोधन का 7 जनवरी 2019 को क्या औचित्य था क्योंकि तबतक तो सभी अभ्यर्थियों का मुख्य उद्देश्य परीक्षा को पास करना था न कि नियुक्ति पाना, क्योंकि 25 वें संशोधन में इस बात का उल्लेख है कि बीएड के क्वालिटी पॉइंट्स मार्क्स कैसे जुड़ेंगे और अब अगला नियुक्ति का विज्ञापन आने पर ही उस संशोधन की जरूरत पड़ेगी और यह भर्ती तो अभीतक शुरू ही नहीं हुई है जबकि यह सिर्फ पात्रता मापदंड का एक चरण है और भर्ती का विज्ञापन तो अभी आना बाकी है।।।
दोस्तों चन्द्रा सर् जब कोर्ट में भारांक पर अपना पक्ष रख रहे थे तब विपक्षी अधिवक्ता उपेंद्र मिश्र जी ने कोर्ट को डिस्टर्ब किया तो जज साहब ने डांटते हुए कहा कि mishra ji why are you interupt the court, दोस्तों इसके बाद मिश्रा जी बैठ गए,दोस्तों अब इससे पता चल गया है कि कोर्ट किसी के रिपीट अरगुएमेंट्स नही सुनेगी क्योंकि चन्द्रा सर् ने कट ऑफ मुद्दे को छोड़ते हुए सिर्फ भारांक और बीएड मुद्दे पर अभी प्रहार किया है।।।
दोस्तों कोर्ट से निकलने के बाद बीटीसी टीम के सर्वेश,विकास औऱ सुनील ने हमलोगों से बात करके बताया कि अनिल तिवारी सर् केवल रेजॉइंडर पर बहस करेंगे इसीलिए आपलोग चन्द्रा सर् के बाद माथुर सर् का सबमिशन करवायें।।।साथियों हमलोग माथुर सर् से सभी मुद्दों पर सबमिशन करवाकर विपक्षियों को बोलने का मौका देंगे और उनके बहस के दौरान उठने वाले कुतर्कों का जवाब हमारे 90-97 के सभी अधिवक्ताओ द्वारा अपने रेजॉइंडर पर पुनः देंगे।।।
साथियों हमारी टीम की तरफ से बहस समाप्त होते ही अपना रिटेन सबमिशन कोर्ट में तुरन्त दे दिया जाएगा।।।दोस्तो कल यदि हमारी टीम के दोनों सीनियर अधिवक्ताओ का सबमिशन यदि नही खत्म होता है तो सोमवार को कोर्ट का कुछ समय लेने के बाद हर हालत में विपक्षी टीम के अधिवक्ताओं को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा।।।
धन्यवाद
अखिलेश कुमार शुक्ला
बीएड लीगल टीम लखनऊ
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