यूपी को अगले हफ्ते मिलेगी रैपिड टेस्ट किट, 15 मिनट में होगी जांच, 500 रुपये से कम में हो सकेगा टेस्ट
यूपी को अगले हफ्ते मिलेगी रैपिड टेस्ट किट, 15 मिनट में होगी जांच, 500 रुपये से कम में हो सकेगा टेस्ट
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच यूपी को 200 रैपिड टेस्ट किट की पहली खेप अगले हफ्ते मिल जाएगी। इस किट से महज 15 मिनट में कोविड-19 की जांच की जा सकती है। इससे प्रदेश में कोरोना टेस्ट में तेजी आएगी।
प्रदेश की दो एमएसएमई इकाइयों ने रैपिड टेस्ट किट तैयार की है। इनमें एक इकाई नोएडा व दूसरी लखनऊ की है। नोएडा की कंपनी नू लाइफ द्वारा तैयार रैपिड टेस्ट किट को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी (एनआईवी) पुणे ने हरी झंडी दे दी है।
लखनऊ की कंपनी बायोजैनिक्स भी अपनी किट अनुमोदन के लिए एनआईवी पुणे को भेज रही है। इसे भी सोमवार तक मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इस किट से 500 रुपये से कम में ही जांच हो जाएगी।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा रैपिड टेस्ट किट को मंजूरी दिए जाने के बाद प्रदेश में इस किट को विकसित करने की पहल हुई है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग इन इकाइयों को मदद कर रहा है।
एनआईवी पुणे ने नोएडा की नू लाइफ कंपनी द्वारा विकसित रैपिड टेस्ट किट को परीक्षण के बाद अनुमोदित कर दिया है। इसके बाद नू लाइफ ने इस किट का उत्पादन शुरू कर दिया है। भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार अगले सप्ताह यह कंपनी 200 किट की पहली खेप राज्य सरकार को सौंपेगी।
500 रुपये से कम में हो सकेगा टेस्ट
प्रदेश में विकसित रैपिड टेस्ट किट से कोविड-19 की जांच में 500 रुपये से भी कम खर्च आएगा। बायोजैनिक्स के संतोष श्रीवास्तव का कहना है कि मौजूदा समय में कोरोना की जांच की पद्धति खर्चीली तो है ही, साथ ही इसमें समय भी लगता है।
रैपिड टेस्ट किट काफी किफायती है और महज 15 मिनट में जांच कराकर पता लगाया जा सकता है कि संक्रमित है या नहीं। अगर रिपोर्ट निगेटिव आती है तो कुछ नहीं करना होता है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर आगे दोबारा जांच करानी पड़ती है।
सबसे बड़ी बात यह है कि इस किट से कहीं भी और कोई भी टेस्ट कर सकता है। इसके लिए प्रशिक्षित टेक्नीशियन आदि की जरूरत नहीं पड़ती है।
मरीज के ब्लड से होगी पहचान
रैपिड टेस्ट किट से मरीज का खून लेकर नोवेल कोरोना वायरस की पहचान की जा सकती है जबकि अभी जो टेस्ट हो रहे हैं वह नाक व गले के स्वॉब से किया जाता है। जिस तरह घर पर ब्लड शुगर की जांच की जाती है उसी तरह इसकी जांच हो सकती है।
‘प्रदेश में दो एमएसएमई इकाइयों ने रैपिड टेस्ट किट विकसित की है। इनमें से एक कंपनी नू लाइफ की किट को एनआईवी पुणे ने मंजूरी दे दी है। यह कंपनी अगले सप्ताह 200 किट प्रदेश सरकार को सौंपेगी।
लखनऊ की कंपनी बायोजैनिक्स को भी जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है। प्रदेश में चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
पीपीई की इकाइयां चल रही है। सैनिटाइजर के लाइसेंस जारी कराए गए हैं। बड़े पैमाने पर मॉस्क बनाने का काम भी चल रहा है। हमारा विभाग इन इकाइयों को हर तरह का प्रोत्साहन दे रहा है।’
नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव, एमएसएमई विभाग
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