400 जिलों को मिल सकती है लॉकडाउन में कुछ छूट, 75 जिलों में सख्ती कम होने के आसार नहीं
400 जिलों को मिल सकती है लॉकडाउन में कुछ छूट, 75 जिलों में सख्ती कम होने के आसार नहीं
कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ देश में इस वक्त एक जंग चल रही है. इसी को लेकर देश में 21 दिनों का लॉकडाउन किया गया था, जिसकी मियाद आज खत्म हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में लॉकडाउन के अगले फेज़ को लेकर कई बातें स्पष्ट कर देंगे, लेकिन पिछले दिनों लॉकडाउन से सबकुछ ठप हो जाने का असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है.
ऐसे में कई सेक्टर और लोगों को उम्मीद है कि इस बार कुछ रियायत मिल सकती है. इसके साथ ही देश के उन 400 जिलों में लॉकडाउन में कुछ छूट मिल सकती है, जहां कोरोना वायरस का असर अबतक सामने नहीं आया है. लेकिन देश के जिन 75 जिलों में कोरोना वायरस के मामले सामने आ चुके हैं, वहां किसी तरह की राहत मिलने के आसार नहीं हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से खास तौर पर कारोबार, कृषि जैसे सेक्टर के लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं. बैसाखी का त्योहार देश ने मना लिया है, जिसके बाद फसल काटने का मुख्य मौसम शुरू होता है. लेकिन लॉकडाउन की वजह से अभी मजदूर कहीं ना कहीं अटके हुए हैं, अधिक संख्या में खेतों में जाने पर भी पाबंदी है.
ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संबोधन में किसानों और मजदूरों को लेकर कुछ राहत दे सकते हैं. जिससे की फसल की बर्बादी और किसानों को कोई बड़ा नुकसान ना हो. ऐसा ही कुछ इंडस्ट्री के साथ भी हो सकता है, जहां प्रधानमंत्री कुछ नियम एवं शर्तों के साथ मैन्युफेक्चर का कामकाज शुरू करने की बात कर सकते हैं.
प्रधानमंत्री के संबोधन से पहले कई एक्सपर्ट्स और सेक्टर के लोगों ने कुछ सुझाव रखे थे, जिनमें ये शामिल है
• स्वचालित सेक्टरों को कुछ छूट देने की अपील
• जिन उद्योगों का निर्यात का काम है, उन्हें छूट संभव
• मेडिकल इंडस्ट्री से जुड़े उद्योगों को राहत
• जरूरत के सामान की मैन्युफैक्चरिंग कंपनी
• किसानों के लिए खाद-बीज तैयार करने वाली कंपनियां
• डिफेंस सेक्टर को कुछ राहत
• खाने-पीने के क्षेत्र से जुड़ी कंपनियां
• रेल-बस सर्विस को कुछ हद तक शुरू करने पर विचार
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