69000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों की राह में लॉकडाउन का बना रोड़ा, ये हैं दिक्कतें
69000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों की राह में लॉकडाउन का बना रोड़ा, ये हैं दिक्कतें
इंतजार खत्म हुआ तो परेशानियों ने आ घेरा। 69 हजार शिक्षक भर्ती का बहुत सारे अभ्यर्थियों को इंतजार था। अब जब भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है तो कुछ अभ्यर्थी राज्य से बाहर हैं और यूपी आने को परेशान हैं।
वहीं कुछ अभ्यर्थी निवास और अन्य तरह के प्रमाणपत्र बनवा रहे हैं तो तरह-तरह के अडंगे लग रहे हैं। लॉकडाउन ने इन अभ्यर्थियों को भर्ती का रास्ता साफ होने की खुशी भी नहीं मनाने दी है।
सबसे ज्यादा वे अभ्यर्थी परेशान हैं जो बंगलुरू, हैदराबाद या पुणे जैसे शहरों में प्राइवेट नौकरियां कर रहे थे। इधर के 10 वर्षों में प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए बीटेक, एमबीए व अन्य प्रोफेशनल डिग्री वाले युवाओं की तादाद बढ़ी है। चूंकि भर्ती 2018 से चल रही है और मामला कोर्ट में फंस गया था लिहाजा वे इस बीच नौकरी कर पैसा कमाने चले गए थे। अब जब भर्ती खुली है तो वे जल्द से जल्द यूपी आने की फिराक में है।
निजी वाहनों से पैसा बहुत लग रहा है और स्पेशल ट्रेन में रिजर्वेंशन नहीं मिल पा रहा है, इससे उनकी परेशानी बढ़ती जा रही है। सोशल मीडिया के सहारे वे अपने साथियों से सलाह मांग रहे हैं और काउसिलिंग बढ़वाने की मांग कर रहे हैं।
वहीं निवास, जाति, आरक्षण प्रमाणपत्र से लेकर अनुभव प्रमाणपत्र के लिए सलाह मांगी जा रही है। यदि शादी हुई और निवास स्थान बदल गया तो नया प्रमाणपत्र बनवाना है, इसका आवेदन तो कर दिया लेकिन प्रमाणपत्र बनेगा या नहीं, इसमें संशय है। इसी तरह विवि से अंकतालिका और डिग्री नहीं ली है, अब लॉकडाउन में कैसे ली जाए? अभ्यर्थी जल्द से जल्द अपने कागज जुटाने में परेशान हैं। ऐसे में लॉकडाउन उनकी राह में रोड़े अटका रहा है कि वे दूसरे जिलों तक जाएं कैसे?
ये हैं परेशानियां
- परीक्षा पास कर ली लेकिन दूसरे प्रदेशों में हैं।
- ऐसे अभ्यर्थी जिन्हें प्रमाणपत्र बनवाने हैं लेकिन लॉकडाउन में काम में चल रहा है।
- डिग्री या अंकपत्र विवि से लेने हैं, जो दूसरे जिलों में हैं।
- ऐसे अभ्यर्थी जिनका घर दूसरे जिले में है लेकिन पढ़ाई या नौकरी के कारण दूसरे जिलों में रह रहे हैं।
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