बीएड प्रवेश परीक्षा कराना बनी मुसीबत, अधर में लटके छात्र
बीएड प्रवेश परीक्षा कराना बनी मुसीबत, अधर में लटके छात्र
कोरोना संक्रमण के दौर में राजधानी समेत प्रदेश भर के बीएड कॉलेजों में प्रवेश कैसे लिया जाएगा? लविवि से लेकर कॉलेज प्रशासन तक के लिए यह सवाल मुसीबत बन गया है। अब, प्रवेश परीक्षा के स्थान पर मेरिट से प्रवेश लिए जाने की मांग उठने लगी है। निजी कॉलेजों के संगठनों का कहना है कि मौजूदा हालातों में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे लागू किया जाना चाहिए।
बता दें कि इस बार प्रदेश के बीएड कॉलेजों में दाखिले के लिए करीब 4.32 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया है। अभी तक इनके दाखिले प्रवेश परीक्षा के माध्यम से किए जाते रहे हैं। उप्र प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन के महासचिव अभिषेक यादव का कहना है कि प्रवेश परीक्षा में प्रदेश के अलावा बाहर से भी अभ्यर्थी आते हैं। लॉकडाउन और संक्रमण को देखते हुए यह संभव ही नहीं होगा। ऐसे में जरूरी है कि मेरिट से दाखिले लिए जाएं।
बीएड प्रवेश परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने समयसीमा निर्धारित की है। इसके मुताबिक, एक जुलाई तक प्रक्रिया पूरी करनी होती है। लॉकडाउन के कारण अभी तक प्रवेश परीक्षा नहीं हो पाई है। लविवि ने शासन को पत्र लिखकर दिशा निर्देश मांगे हैं।
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