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एलटी ग्रेड शिक्षक चयन 2012 की पत्रावली का अता-पता नहीं

एलटी ग्रेड शिक्षक चयन 2012 की पत्रावली का अता-पता नहीं

प्रयागराज : प्रदेश के राजकीय माध्यमिक कालेजों में एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती 2018 की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है, लेकिन पुरानी भर्तियों पर लगे भ्रष्टाचार के दाग अब तक धुल नहीं सके हैं। एलटी ग्रेड शिक्षक चयन 2012 की पत्रवली नहीं मिली है, कई बार जेडी कार्यालय प्रयागराज ने जांच कराई। कुछ को निलंबित किया जा चुका है, लेकिन नतीजा सिफर रहा है।

इन दिनों भर्तियों का भ्रष्टाचार सुर्खियां बना हैं उसमें राजकीय कालेजों की एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े के भी कई मामले अभी तक अनसुलङो हैं। राजकीय कालेजों की एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती 2010, 2012 की फाइल गुम होने का मामला काफी पहले सामने आ चुका है। इसके पहले वर्ष 2014 की 6645 एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती में यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में मूल रिकॉर्ड बदलने के मामले में पांच लिपिक कार्रवाई के दायरे में रहे। संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय कमेटी जांच के बाद रिपोर्ट सौंप चुकी है लेकिन, कार्रवाई नहीं हुई, जबकि प्रयागराज मंडल के सात शिक्षकों को बर्खास्त किया गया और एफआइआर दर्ज है। असल में 2014 की भर्ती के दौरान प्रमाणपत्रों के सत्यापन में खेल हुआ था। चयनित शिक्षकों ने जिन विद्यालयों से हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की थी, उन विद्यालयों से सेटिंग कर प्रमाणपत्रों में अंक बढ़वा लिये थे। इन्हीं शिक्षकों ने क्षेत्रीय कार्यालय के लिपिकों से सेटिंग करके मूल रिकार्ड रजिस्टर भी बदलवा दिया। इसी टीआर से शैक्षिक प्रमाणपत्रों का सत्यापन होता है। टीआर की जांच में हेराफेरी का पता चला। अक्टूबर, 2016 में तत्कालीन सचिव शैल यादव ने जांच को तीन सदस्यीय कमेटी बनाई। तत्कालीन जेडी महेंद्र सिंह की अध्यक्षता वाली कमेटी में बरेली क्षेत्रीय कार्यालय के अपर सचिव विनोद कृष्ण एवं बोर्ड के उप सचिव शैलेंद्र सिंह शामिल थे। जांच के बाद रिपोर्ट सचिव को सौंपी, जिसमें टीआर में बदलाव करने में पांच लिपिकों घेरे में आए। जेडी प्रयागराज दिव्यकांत शुक्ल का कहना है कि 2012 की पत्रवली अब तक नहीं मिली है, जो लिपिक निलंबित हुआ था, वह बहाल होकर डीआइओएस कार्यालय में तैनात है।