जूनियर हाईस्कूलों की प्रधानाध्यापक व शिक्षक भर्ती को 2410 स्कूलों ने नहीं भेजा अधियाचन, पाठ्यक्रम तय होने का इंतजार
जूनियर हाईस्कूलों की प्रधानाध्यापक व शिक्षक भर्ती को 2410 स्कूलों ने नहीं भेजा अधियाचन, पाठ्यक्रम तय होने का इंतजार
प्रदेश के तीन हजार से अधिक एडेड जूनियर हाईस्कूलों के लिए शिक्षक चयन होना है। पहली बार इन स्कूलों में प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा होगी। बेसिक शिक्षा अधिकारी इन स्कूलों में रिक्त पदों का ब्योरा नहीं भेज रहे हैं। 20 जून तक 2410 स्कूलों से रिक्त पदों का ब्योरा न मिलने पर शिक्षा निदेशक बेसिक डा. सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह ने नाराजगी जताते हुए सभी बीएसए को पत्र लिखा है कि वे जल्द पदों की सूचना भेजें ताकि परीक्षा संस्था को भेजकर भर्ती प्रक्रिया शुरू कराई जाए।
अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षक चयन के लिए प्रबंधतंत्र साक्षात्कार करके नियुक्ति करता रहा है। बीएसए उनका अनुमोदन करते थे जिससे चयन में जमकर गड़बड़ियां होती रही। योगी सरकार ने 2019 में अध्यापक भर्ती नियमावली 1978 में संशोधन कर दिया। इसके तहत शिक्षक चयन की लिखित परीक्षा राज्य स्तर पर होनी है। प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक की अर्हता में भी बदलाव हो चुका है। साथ ही चयन परिषदीय शिक्षकों की तरह गुणांक के आधार पर होना है। सरकार ने चयन नियमावली में जब बदलाव किया, उस समय 3082 स्कूलों में 24000 शिक्षकों के पद सृजित और करीब 4300 पद रिक्त थे।
प्रदेश के एडेड जूनियर हाईस्कूलों की प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक भर्ती
पाठ्यक्रम तय होने का इंतजार
एडेड जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षक चयन के लिए पाठ्यक्रम क्या होगा? परीक्षा ओएमआर बेस्ड होगी या अति लघु उत्तरीय प्रश्न पूछे जाएंगे। इसके अलावा भर्ती में चयन प्रक्रिया ठीक वैसे ही हो सकती है जिस तरह चयन बोर्ड एडेड माध्यमिक कालेजों में अपनाता है। ज्ञात हो कि स्कूल में जिस विषय का पद खाली होगा उसके अधियाचन के अनुरूप रिजल्ट बनेगा।
642 अधियाचन भेजे गए जिसमें 44 त्रुटिपूर्ण
शासन ने जनवरी 2020 में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उप्र प्रयागराज को यह कहते हुए परीक्षा संस्था बनाया कि नया आयोग गठित होने तक वह चयन करेगा। बीएसए से 15 जनवरी तक रिक्त पदों का ब्योरा मांगा गया था लेकिन सूचना नहीं मिली। अपर निदेशक बेसिक शिक्षा गायत्री ने 16 जून को पदों का ब्योरा दो दिन में मांगा। इसके बाद भी 18 मंडलों से सिर्फ 642 अधियाचन भेजे गए उसमें भी 44 त्रुटिपूर्ण हैं, जबकि 2410 स्कूलों से अधियाचन मिला ही नहीं है।
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