शिक्षक भर्ती: 3 स्तर पर प्रश्नपत्र बने फिर भी इतनी बड़ी गलतियाँ
शिक्षक भर्ती: 3 स्तर पर प्रश्नपत्र बने फिर भी इतनी बड़ी गलतियाँ
प्रयागराज। लाखों बेरोजगारों के कॅरियर से जुड़े मसले में इतने बड़े पैमाने पर लापरवाही समझ से परे है। सूत्रों के अनुसार टीईटी या शिक्षक भर्ती प्रश्नपत्र तैयार करने को विशेषज्ञों की त्रिस्तरीय कमेटियां बनती हैं। इसके बावजूद प्रश्न गलत हो रहे हैं।
लाखों बेरोजगारों के करियर से जुड़े मसले में इतने बड़े पैमाने पर
लापरवाही समझ से परे है। सूत्रों के अप सार टीईटी या शिक्षक भर्ती का प्रश्नपत्र
तैयार करने के लिए विषय विशेषज्ञों की एक कमेटी बनती है। उसके बाद
मॉडरेशन के लिए दूसरी टीम गठित होती है जो यह देखती है कि कोई प्रश्न गलत
तो नहीं या विकल्प में तो कोई त्रुटि तो नहीं है | परीक्षा होने के बाद अंतरिम
उत्तरकुंजी पर जो आपत्तियां ली जाती हैं उसके निस्तारण के लिए विषय विशेषज्ञों
की एक अलग कमेटी बनती है जिसमें पूर्व की दोनों कमेटियों में से कोई एक्सपर्ट
शामिल नहीं किया जाता है। आश्चर्य की बात है कि तीन स्तर पर अलग- अलग
कमेटियों से जांच के बावजूद प्रश्न गलत हो रहे हैं। यदि हक के छ ऐसा ही चला तो
परीक्षाओं पर तो उंगली उठेगी ही अभ्यर्थियों के करियर पर भी ग्रहण लगता रहेगा।
लापरवाही समझ से परे है। सूत्रों के अप सार टीईटी या शिक्षक भर्ती का प्रश्नपत्र
तैयार करने के लिए विषय विशेषज्ञों की एक कमेटी बनती है। उसके बाद
मॉडरेशन के लिए दूसरी टीम गठित होती है जो यह देखती है कि कोई प्रश्न गलत
तो नहीं या विकल्प में तो कोई त्रुटि तो नहीं है | परीक्षा होने के बाद अंतरिम
उत्तरकुंजी पर जो आपत्तियां ली जाती हैं उसके निस्तारण के लिए विषय विशेषज्ञों
की एक अलग कमेटी बनती है जिसमें पूर्व की दोनों कमेटियों में से कोई एक्सपर्ट
शामिल नहीं किया जाता है। आश्चर्य की बात है कि तीन स्तर पर अलग- अलग
कमेटियों से जांच के बावजूद प्रश्न गलत हो रहे हैं। यदि हक के छ ऐसा ही चला तो
परीक्षाओं पर तो उंगली उठेगी ही अभ्यर्थियों के करियर पर भी ग्रहण लगता रहेगा।
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