Header Ads

69000 शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े को लेकर भदोही, सोरांव समेत कई जगह छापा, दो लेखपाल हो चुके हैं निलंबित

69000 शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े को लेकर भदोही, सोरांव समेत कई जगह छापा, दो लेखपाल हो चुके हैं निलंबित

प्रयागराज : प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े में स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने कार्रवाई तेज कर दी है। शनिवार को एटीएफ ने भदोही, सोरांव, धूमनगंज समेत कई स्थानों पर छापेमारी की। पांच संदिग्ध युवकों को पूछताछ के लिए उठाया। पकड़े गए युवक वांछित अभियुक्त के करीबी बताए जा रहे हैं।

फर्जीवाड़ा मामले में भदोही के कोईरौना थाना क्षेत्र के बारीपुर गांव निवासी मायापति दुबे नामजद आरोपित है। जबकि प्रतापगढ़ का दुर्गेश व संदीप पटेल को वांटेड किया गया है। मायापति का भाई ग्राम प्रधान रुद्रपति पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है, लेकिन वह फरार है। दूसरे अभियुक्त भी अपने-अपने घर छोड़कर भागे हुए हैं। कहा जा रहा है कि शुक्रवार रात एसटीएफ को मायापति की लोकेशन भदोही में मिली। इस पर एक टीम वहां भेजी गई। एसटीएफ ने उसे पकड़ने के लिए बारीपुर गांव और दूसरे संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन वह गिरफ्त में नहीं आया। यह भी पता चला कि मायापति धूमनगंज में रहने वाले एक शख्स से बातचीत करता था। तब एसटीएफ वहां पहुंची और दबिश देकर उसे पकड़ लिया। इसके बाद सोरांव और दूसरे कई स्थानों पर भी छापेमारी करते हुए कुल पांच युवकों को पकड़ लिया गया। एसटीएफ की सख्ती से गिरोह से जुड़े लोगों में खलबली मच गई है।

सरगना के करीबियों की खंगाली जा रही कुंडली : फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह के सरगना डॉ. केएल पटेल के कई करीबी भी एसटीएफ के रडार पर आ गए हैं। एसटीएफ अधिकारी उससे जुड़े कई लोगों की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है। इसमें सरगना की मदद करने, संरक्षण देने और कारस्तानी में साथ देने वालों का नाम सामने आ रहा है।

कहा जा रहा है कि जल्द ही एसटीएफ के फंदे में कई और शख्स आ सकते हैं। उल्लेखनीय हैे कि डॉक्टर पटेल कई राजनैतिक नेताओं का करीबी रहा है। वह गंगापार क्षेत्र में चुनावी सभाओं एवं जनसंपर्क अभियान में भी नेताओं के साथ देखा जाता रहा है।

सहायक शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा मामले नाम उछलने के बाद दो लेखपाल निलंबित हो चुके हैं। पहले प्रतापगढ़ के लेखपाल रामचरन को सस्पेंड किया गया फिर प्रयागराज के कोरांव में तैनात संतोष ¨बद पर निलंबन की गाज गिरी। चौंकाने वाली बात यह है कि संतोष को लेखपाल पद पर नौकरी केएल पटेल ने लगवाई थी। यह बात पुलिस के सामने दोनों ने कबूल की है।