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69000 शिक्षक भर्ती में पिछड़ी जातियों के साथ किया जा रहा अन्याय

69000 शिक्षक भर्ती में पिछड़ी जातियों के साथ किया जा रहा अन्याय

छात्र नेता ने शिक्षक भर्ती पर उठाए सवाल उठाए हैं। छात्र नेता विपिन नागर ने प्रदेश के अंदर होने वाली 69000 प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को भर्ती में पिछड़े वर्ग की तमाम जातियों सरकार द्वारा किये जा रहे अन्याय को सरकार की सोची समझी साजिश बताया।

गौरतलब है कि विपिन नागर का आरोप है कि सरकार द्वारा पिछड़ी जातियों के साथ चुपचाप बड़ा खेल खेला जा रहा है। पिछड़े वर्ग की जातियों सैनी, पाल, कश्यप, प्रजापति, मल्लाह,केवट,बिंद, जोगी, निषाद, कुर्मी, धीवर, राजभर, मौर्य, कुशवाहा, कुम्हार, जाट, गुर्जर, यादव के युवाओं के साथ अन्याय किया जा रहा है। उनको मुख्यधारा में आने से पहले ही बाहर कर देने की साजिश रची जा रही है।

भर्ती के लिए सामान्य वर्ग के 36,614 अभ्यर्थियों के लिए 34,500 पद, ओबीसी के 84,868 अभ्यर्थियों के लिए 18,630 पद, एससी के 24,308 अभ्यर्थियों के लिए 14,490 पद, एसटी के 270 अभ्यर्थियों के लिए 1380 पद निर्धारित है. नियम के अनुसार उच्च मेरिट के सफल अभ्यर्थी

पहले अनारक्षित सीटों पर नियुक्त होंगे। फिर आरक्षित श्रेणी के पर्दों को उनकी मेरिट से भरा जायगा। इस प्रकार उच्च मेरिट के होते हुए आरक्षित वर्ग के एससी-ओबीसी के अभ्यर्थियों का हक छीना जा रहा है। जिससे की ओबीसी वर्ग के लगभग 15,000 अभ्यर्थियों को सरकार शिक्षक बनने से बड़े चालाकी के साथ रोक देगी।

नागर ने आगे कहा कि हमारी किसी भी वर्ग से कोई ईर्ष्या या किसी के हक मिलने से कोई दिक्कत नही है ना हम किसी भी वर्ग का विरोध कर रहे हैं लेकिन जो हमारा हक है हम उसके लिए आवाज उठा रहे है। आखिर क्यों सरकार हम ओबीसी वर्ग के लोगों के साथ द्वेष भावना से कार्य कर रही है।