शिक्षक भर्ती में धांधली व ओबीसी,एससी वर्ग के साथ किया गया अन्याय-लौटनराम निषाद
शिक्षक भर्ती में धांधली व ओबीसी,एससी वर्ग के साथ किया गया अन्याय-लौटनराम निषाद
"एमआरसी का अनारक्षित में चयन न कर आरक्षित में किया गया समायोजन,आरक्षित वर्ग की हुई है हकमारी"*
लखनऊ,4 जून,2020।बेसिक शिक्षा परिषद की ऒर से जिला आवंटन में 67,867 अभ्यर्थियों कस चयन किया गया।चयनित सूची में यह उल्लेख नहीं किया गया कि अभ्यर्थी का गुणांक क्या है और अभ्यर्थी किस वर्ग का है?परिषदीय शिक्षक भर्ती में जमकर धांधली व हेरफेर कर आरक्षित वर्ग की हकमारी की गई है।यही नहीं सामान्य वर्ग को ओबीसी बना दिया गया।समाजवादी पार्टी
पिछड़ावर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष चौ.लौटनराम निषाद ने शिक्षक भर्ती में ओबीसी,एससी अभ्यर्थियों के साथ घोर अन्याय किया गया है।एमआरसी सिस्टम(मेरिटोरियल रिजर्व कंडीडेट) में बदलाव से 15 हजार से अधिक ओबीसी,एससी अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है और जो सीटें कट ऑफ मार्क्स व गुणांक के आधार पर ओबीसी,एससी को मिलनी चाहिए थी,उसे सामान्य वर्ग को दे दिया गया।उन्होंने शिक्षक भर्ती पर सवाल उठाया है।उन्होंने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की भर्ती में ओबीसी,एससी की तम्म जातियों के साथ सरकार ने सोची समझी साजिश के तहत अन्याय व हकमारी किया है।13 मई,2020 के उच्च न्यायालय के निर्णय की आड़ में एमआरसी में बदलाव से 15 हजार से अधिक आरक्षित वर्ग की हकमारी हुई है।कट ऑफ मार्क्स व गुणांक के आधार पर आरक्षित वर्ग के जिन अभ्यर्थियों का समायोजन व चयन अनारक्षित में होना चाहिए था,उन्हें उनके कोटे में सीमित कर सामान्य वर्ग को कब्जा दिला दिया गया है।
पिछड़ावर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष चौ.लौटनराम निषाद ने शिक्षक भर्ती में ओबीसी,एससी अभ्यर्थियों के साथ घोर अन्याय किया गया है।एमआरसी सिस्टम(मेरिटोरियल रिजर्व कंडीडेट) में बदलाव से 15 हजार से अधिक ओबीसी,एससी अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है और जो सीटें कट ऑफ मार्क्स व गुणांक के आधार पर ओबीसी,एससी को मिलनी चाहिए थी,उसे सामान्य वर्ग को दे दिया गया।उन्होंने शिक्षक भर्ती पर सवाल उठाया है।उन्होंने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की भर्ती में ओबीसी,एससी की तम्म जातियों के साथ सरकार ने सोची समझी साजिश के तहत अन्याय व हकमारी किया है।13 मई,2020 के उच्च न्यायालय के निर्णय की आड़ में एमआरसी में बदलाव से 15 हजार से अधिक आरक्षित वर्ग की हकमारी हुई है।कट ऑफ मार्क्स व गुणांक के आधार पर आरक्षित वर्ग के जिन अभ्यर्थियों का समायोजन व चयन अनारक्षित में होना चाहिए था,उन्हें उनके कोटे में सीमित कर सामान्य वर्ग को कब्जा दिला दिया गया है।
गौरतलब है कि सरकार द्वारा पिछड़ी जातियों के साथ चुपचाप बेसिक शिक्षा परिषद के माध्यम से घपलेबाजी का खेल खेला गया है।पिछडेवर्ग कि य्यादव,निषाद, मौर्य,कुशवाहा,जाट,गूजर, सैनी,बिन्द, प्रजापति,विश्वकर्मा, कश्यप,साहू,सबिता,लोधी,जोगी,राजभर,चौहान जाति के युवाओं के साथ साज़िश कर घोर सामाजिक अन्याय किया गया।सफल घोषित अभ्यर्थियों की सूची में भी बड़ा खेल किया गया,सवर्णों को पिछड़ी जाति घोषित कर दिया गया।
निषाद ने बताया कि सामान्य वर्ग के 36,614 अभ्यर्थियों के लिए 34,500 पद, ओबीसी के 84,868 अभ्यर्थियों के लिए 18,630 पद, एससी के 24,908 अभ्यर्थियों के लिए 14,490 पद व एसटी के 270 अभ्यर्थियों के लिए 1,380 पद निर्धारित किया गया।नियमानुसार उच्च मेरिट के सफल अभ्यर्थियों का चयन अनारक्षित सीटों पर करना चाहिए।फिर आरक्षित श्रेणी के पदों को उनकी मेरिट से भरा जाना चाहिये,परन्तु ऐसा न कर उच्च मेरिटधारी अभ्यर्थियों को उनके लिए आरक्षित खांचे में सीमित कर अन्याय किया गया है।वर्तमान सरकार की पिछड़ा-दलित विरोधी नीतियों सड़ उच्च मेरिट होते हुए भी ओबीसी,एससी की सामान्य वर्ग से उच्च मेरिट होने के बाद भी उनका हक छीनने का षड्यंत्र किया गया।जिससे ओबीसी के 15 हजार से अधिक अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने से बड़ी चालाकी से रोक दिया गया।
निषाद ने कहा कि हमारी किसी जाति-वर्ग से कोई ईर्ष्या या किसी का हक मिलने से कोई परेशानी नहीं है और न ही किसी वर्ग का विरोध कर रहे हैं।आखिर क्यों सरकार पिछड़े वर्ग के साथ द्वेषभावना से कम कर हकमारी कर रही है?
*निषाद ने शिक्षक भर्ती में गड़बड़ घोटाले का आरोप लगाते हुए बताया कि हरदोई में 2450 सीट में अनारक्षित 1225 सीट के सापेक्ष 1525 सामान्य वर्ग का चयन कर दिया गया,सीधे सीधे एक ही जिले में ओबीसी,एससी की 300 सीट का घोटाला किया गया है।शाहजहाँपुर में 1450 सीट में 725 के 880 सामान्य वर्ग का चयन हुआ है,यहां भी ओबीसी,एससी की 155 सीट की धाँधली की गई है।उन्होंने कहा कि न ओवरलैपिंग हुई है न रिसफलिंग हुई है।ओबीसी,एससी के जो अभ्यर्थी सामान्य वर्ग की मेरिट के बराबर या अधिक कट ऑफ पाए हैं,उन्हें भी अनारक्षित में समायोजित न कर उँखे निर्धारित खाँचे में कर दिया गया,जो आरक्षण नियमावली व मा.उच्चतम न्यायालय के निर्णय का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन है।*
निषाद ने बताया कि सामान्य वर्ग व अन्य पिछड़ावर्ग के गुणांक में मात्र 0.4 % का अंतर है।सामान्य वर्ग का गुणांक 67.1 व ओबीसी का 66.7 तथा एससी का 61.5 है।नियमतः सामान्य वर्ग के 31 हजार तक कि रैंक का चयन होना चाहिए लेकिन लगभग 50 हजार रैंक तक को चयनित कर दिया गया है।
*चौ.लौटनराम निषाद*
प्रदेश अध्यक्ष-सपा पिछड़ावर्ग प्रकोष्ठ
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