Header Ads

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन वाले अभिभावकों का भौतिक सत्यापन

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन वाले अभिभावकों का भौतिक सत्यापन

शिक्षा का अधिकार अधिनियम ‘आरटीई' के तहत दाखिले लेने वाले बच्चों के अभिभावकों के दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन कराए जाएगा। इसके लिए 8 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। जो एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट बेसिक शिक्षा अधिकारी को देगी। इसके बाद छात्रों की अंतिम सूची जारी की जाएगी। पिछले सत्र में भौतिक सत्यापन के दौरान एक हजार से अधिक आवेदनों में गड़बड़ी मिली थी, जिन्हें बाद में निरस्त किया गया था।

आरटीई आवेदन में अभिभावक अपना आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र व अन्य दस्तावेज लगाते हैं। जांच के दौरान टीम अभिभावकों का वॉर्ड भी चेक करेगी। इसके अलावा सारे दस्तावेज भी जांचे जाएंगे।

शहर के 110 वॉर्डों में 20 शिक्षाधिकारी यह जांच करेंगे। इसमें एक शिक्षा अधिकारी के जिम्मे 5 से अधिक वॉर्ड होंगे।

अगर आप राजनीति शास्त्र, लोक प्रशासन, दर्शनशास्त्र जैसे विषयों में परास्नातक की पढ़ाई करना चाह रहे हैं तो आपको लखनऊ विश्वविद्यालय के किसी कॉलेज में विकल्प नहीं मिलेगा। इसके लिए सिर्फ लविवि परिसर ही एकमात्र विकल्प है। तकरीबन 11 ऐसे विषय हैं जिनमें परास्नातक की पढ़ाई लविवि के किसी सहयुक्त कॉलेज में नहीं होती।

लविवि में पीजी के लगभग 67 पाठ्यक्रम चलते हैं, जिनमें करीब 4500 सीट उपलब्ध हैं। इन्हीं में कई ऐसे पाठ्यक्रम हैं जो पीजी स्तर पर केवल लविवि में ही पढ़ाए जाते हैं।

राजधानी के 50 से ज्यादा महाविद्यालयों में राजनीति शास्त्र के यूजी पाठ्यक्रम चल रहे हैं। लेकिन एक भी महाविद्यालय में इस विषय का पीजी नहीं है। इसी तरह लोक प्रशासन की पीजी की पढ़ाई भी केवल विवि में ही होती है। दर्शनशास्त्र, वेस्टर्न हिस्ट्री, समाज कार्य, एमएससी रीन्यूएबल एनर्जी, एमएससी बायो केमिस्ट्री, एमएससी कम्प्यूटर साइंस, एमएससी जियोलॉजी में भी यही स्थिति है।


दूसरे चरण के आवेदन शुरू आरटीई में दूसरे चरण के लिए आवेदन शुरू हो गए हैं। अभिभावक आरटीई की वेबसाइट पर 10 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 11 से 13 जुलाई तक आवेदनों का सत्यापन होगा। 15 को लॉटरी निकाली जाएगी।