सरकारी स्कूलों में कोरोना का खतरा बढ़ा, लॉकडाउन के दौरान करीब एक लाख विद्यालयों को बनाया गया था क्वारेंटाइन सेंटर
सरकारी स्कूलों में कोरोना का खतरा बढ़ा, लॉकडाउन के दौरान करीब एक लाख विद्यालयों को बनाया गया था क्वारेंटाइन सेंटर
लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित एक लाख विद्यालयों में कोरोना का संक्रमण फैलने का खतरा है,इसी खतरे के बीच सभी विद्यालय एक जुलाई से खोले जाने का आदेश भी है, एसी स्थिति में इन विद्यालयों को खोलने से पहले सैनिटाइजर न कराया गया तो स्थिति गंभीर हो सकती है। इस संबंध में शिक्षकों का कहना है कि कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए हुए लॉकडाउन के चलते अधिकांश विद्यालयों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया था, जिमसें बाहर से आये लाखो प्रवासी श्रमिकों को क्वारंटाइन किया गया था, वहीं ऑनलॉक-1 के समय से इन विद्यालयों क्वारेटाइन सेंटर से जो मुक्त किया गया, तो सैनिटाइजेशन का कार्य नहीं कराया गया। बिना सैनिटाइजेशन के यदि स्कूल खोले जाते हैं इससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जायेगा, और
शिक्षकों को परेशानी हो सकती है। बता दें कि लॉकडाउन के दूसरे चरण से ही विद्यालयों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया जाने लगा था, शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अलग-अलग जिलों में करीब एक लाख विद्यालयों को क्वारंटाइन सेंटर बनाने का उद्देश्य यह था कि जो भी बाहर से मजदूर अपने गांव में वापस लौटेंगे उनको गांव में प्रवेश की अनुमति तभी मिलेगी जब वह विद्यालय में रहकर 14 दिनों का क्वारेटाइन काल पूरा करेंगे। हालांकि प्रदेश भर में बेसिक और माध्यमिक मिलाकर कुल 1 लाख 58 हजार स्कूल करीब संचालित हैं जिसमें अधिकांश विद्यालयों का इस्तेमाल किया गया
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