भर्ती प्रक्रिया में आएगी तेजी पर सोशल डिस्टेंसिंग चुनौती
भर्ती प्रक्रिया में आएगी तेजी पर सोशल डिस्टेंसिंग चुनौती
केंद्र सरकार की ओर से पांचवें चरण के लॉकडाउन के दौरान जो रियायतें दी जा रही हैं, उससे लोक सेवा आयोग तथा कर्मचारी चयन आयोग की रुकी हुई चयन प्रक्रिया में थोड़ी और तेजी आने की उम्मीद है। कॉपियों के मूल्यांकन कर परिणाम तैयार करने एवं भर्ती से जुड़े कार्यालय स्तर के अन्य कार्य शुरू हो जाएंगे। सबसे बड़ी चुनौती सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए भर्ती परीक्षाएं कराने की होगी।
भर्ती संस्थाओं में सोशल डिस्टेसिंग को लेकर केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए परीक्षाएं कराने के उपायों में मंथन चल रहा है। खास तौर से यह समस्या लोक सेवा आयोग में आएगी क्योंकि यहां भर्ती परीक्षाएं ऑफलाइन होती हैं और परीक्षार्थियों की संख्या अधिक होती है। इस महीने 21 जून को पीसीएस, एसीएफ एवं आरएफओ 2020 की प्रारंभिक परीक्षा प्रस्तावित है। इस भर्ती में तकरीबन छह लाख आवेदन होते हैं। हालांकि परीक्षा देने वालों की संख्या कम रहती है पर आयोग को इंतजाम तो पूरा ही करना होता है। मसलन पीसीएस, एसीएफ एवं आरएफओ 2018 में 635844 आवेदन हुए थे, इसके लिए आयोग को प्रदेश के 29 जिलों में 1381 केंद्र बनाने पड़े थे तो 2019 की परीक्षा में 544664 अभ्यर्थियों के लिए 19 जिलों में 1166 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। 2018 में 398630 तो 2019 में 318624 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे।
एसएससी की भर्ती परीक्षाओं पर फैसला एक जून को दिल्ली में होने वाली आयोग की बैठक में लिया जाएगा। इस बैठक के बाद परीक्षा और लंबित परिणाम को लेकर स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। एसएससी की भर्ती परीक्षाएं ऑनलाइन होती हैं इसलिए यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में बहुत मुश्किल नहीं होगी। लेकिन परीक्षाओं की तिथि तय करने से पूर्व यह जरूर सुनिश्चित करना होगा की परीक्षार्थियों को आने-जाने में कोई दिक्कत न *होने पाए।
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