सभी कस्तूरबा विद्यालयों में कार्यरत शिक्षिकाओं के प्रमाणपत्रों की होगी जांच
सभी कस्तूरबा विद्यालयों में कार्यरत शिक्षिकाओं के प्रमाणपत्रों की होगी जांच
लखनऊ: कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की विज्ञान शिक्षिका अनामिका शुक्ला द्वारा प्रदेश के कई जिलों के कस्तूरबा विद्यालयों में तैनाती पाने और और मानदेय हासिल करने के मामले को शासन ने गंभीरता से लिया है। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने आरोपित शिक्षिका और उसके अभिलेखों का दुरुपयोग करने वाली अन्य शिक्षिकाओं को बर्खास्त कर उनके खिलाफ एफआआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है।
इस मामले में जिन अधिकारियों, कर्मचारियों की मिलीभगत होगी, उनकी भूमिका की जांच कराकर उनके खिलाफ भी कठोर दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही, उन्होंने प्रदेश के सभी केजीबीवी में तैनात शिक्षिकाओं की भर्ती/चयन के समय प्रस्तुत किए गए सभी प्रमाणपत्रों का सत्यापन एक निश्चित समय अवधि में तत्काल कराने का निर्देश दिया है। बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि कि पहले सभी केजीबीवी में शिक्षकों की उपस्थिति रजिस्टर में मैनुअली दर्ज होती थी।
25 जिलों में एक साथ नौकरी कर रही शिक्षिका पर मुकदमा
जेएनएन, लखनऊ: फर्जी पतों के सहारे एक युवती ने प्रदेश के 25 कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में एक साथ ही नियुक्ति पा ली और वहां से तेरह महीने तक मानदेय भी हासिल करती रही। अब यह मामला प्रकाश में आने के बाद उसके खिलाफ जांच शुरू हुई है। अलीगढ़ में शिक्षिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है जबकि वहां उसकी सेवा समाप्त करने के भी आदेश दे दिए गए हैं। उसकी नियुक्ति रायबरेली, बागपत, सहारनपुर, प्रयागराज अलीगढ़, अमेठी, अंबेडकरनगर आदि 25 जिलों में कांट्रैक्ट के आधार पर नजर आ रही थी।
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