यूपी बोर्ड में पाठ्यक्रम घटने के अनुमोदन का इंतजार, 30% कौन पाठ शामिल कौन नहीं, स्पष्ट नहीं
यूपी बोर्ड में पाठ्यक्रम घटने के अनुमोदन का इंतजार, 30% कौन पाठ शामिल कौन नहीं, स्पष्ट नहीं
प्रयागराज : सीबीएसई की तर्ज पर यूपी बोर्ड ने भी संबद्ध कालेजों का पाठ्यक्रम घटाने का ऐलान किया है। अब तक यह तय नहीं है कि छात्र छात्रओं को किस विषय का कौन पाठ नहीं पढ़ना है। सभी उसका इंतजार कर रहे हैं। पाठ्यक्रम घटने का असर प्रदेश भर के 27,373 कालेजों की पढ़ाई पर पड़ेगा। बोर्ड ने जून माह में पाठ्यक्रम कम करने का प्रस्ताव भेजा था, उस पर शासन में मंथन चला उपमुख्यमंत्री ने गुरुवार को 30 प्रतिशत पाठ्यक्रम घटाने का ऐलान कर दिया है। अब माध्यमिक शिक्षा निदेशक के अनुमोदन के बाद विषयवार पाठ्यक्रम बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करने की तैयारी है।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण अब तक स्कूल-कालेज नहीं खुल सके हैं जिससे पढ़ाई बाधित है, शैक्षिक सत्र पहली अप्रैल से ही शुरू हो चुका है। शासन, बोर्ड प्रशासन ने छात्र-छात्रओं की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए ऑनलाइन माध्यम को अपनाया है। लेकिन, फिर भी उस गति से पढ़ाई नहीं हो सकी है। इसीलिए पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत कम किया गया है। यूपी बोर्ड में कई विषयों में एनसीईआरटी का ही पाठ्यक्रम लागू हो चुका है। बोर्ड ने शासन के निर्देश पर जून में ही शिक्षा निदेशक माध्यमिक विनय कुमार पांडेय की देखरेख में पाठ्यक्रम घटाने के लिए बैठकें की थीं। पाठ्यचर्या समिति (पाठ्यक्रम बनाने वाले) के सदस्यों व विशेषज्ञों से चर्चा करने के बाद पाठ्यक्रम कम करने का प्रस्ताव भेजा। इसमें हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के अहम विषयों में पाठ्यक्रम कम करने पर सहमति बनी थी। इसके अलावा कक्षा नौ व ग्यारह का सिलेबस घटाने का प्रस्ताव है। यह पत्रवली अनुमोदन के लिए शिक्षा निदेशक माध्यमिक के यहां लंबित है। आदेश निर्गत होने के बाद बोर्ड प्रशासन विषयवार घटाए गए पाठ्यक्रम को वेबसाइट पर अपलोड करेगा, ताकि छात्र-छात्रएं, शिक्षक व अभिभावक उससे अवगत हो सकें। उधर, यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल का कहना है कि पाठ्यक्रम घटाने का का निर्णय हो गया है, उसका अनुपालन कराया जाएगा। पाठ्यक्रम में कमी सिर्फ इसी सत्र के लिए है, अगले शैक्षिक सत्र से घोषित पूरा पाठ्यक्रम ही पढ़कर परीक्षा की तैयारी करनी होगी।
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