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उत्तर प्रदेश 3.84 लाख मिड-डे मील रसोइयों के मानदेय वृद्धि का प्रस्ताव नामंजूर, ₹3000 की सिफारिश केंद्र सरकार ने लौटाई

उत्तर प्रदेश 3.84 लाख मिड-डे मील रसोइयों के मानदेय वृद्धि का प्रस्ताव नामंजूर, ₹3000 की सिफारिश केंद्र सरकार ने लौटाई

यूपी में कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए भोजन बनाने वाले 3.84 लाख रसोइयों को झटका लगा है। प्रदेश सरकार ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से 2020-21 सत्र से इनका मानदेय तीन हजार रुपये करने की सिफारिश की थी लेकिन यह मंजूर नहीं हो सका है। मानदेयवृद्धि का प्रस्ताव इसलिए मंजूर नहीं हो सका है क्योंकि यह सिर्फ उत्तर प्रदेश का मामला नहीं है। यूपी में रसोइयों का मानदेय बढ़ाने पर अन्य राज्यों में भी इसे लागू करना पड़ता जो वर्तमान परिस्थितियों में संभव नहीं है।



साथ ही मानदेय साल में 10 महीने की बजाय पूरे 12 महीने देने की सिफारिश भी की गई थी। मई और जून में मानदेय नहीं मिलने के कारण रसोइयों के सामने आजीविका का संकट पैदा हो जाता है। हालांकि मानदेय वृद्धि एवं 12 महीने मानदेय के लिए रसोईयों को फिलहाल इंतजार करना होगा। प्रदेश सरकार ने पिछले साल अप्रैल 2019 से रसोइयों का मानदेय बढ़ाकर 1500 रुपये कर दिया था। साथ ही मानदेय की राशि हर महीने उनके बैंक खाते में सीधे ऑनलाइन देनी शुरू कर दी थी।

इनका कहना है

रसोईयों का मानदेय वृद्धि का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश की ओर से भेजा गया था। लेकिन केंद्र सरकार से मंजूरी नहीं मिल सकी है। - विजय किरन आनंद, राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा अभियान एवं महानिदेशक स्कूल शिक्षा

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