यूपी बोर्ड के अंक सहप्रमाणपत्र पर हिंदी का बोलबाला, डिजिटल मार्कशीट जैसा ही होगा मूल अंक सहप्रमाणपत्र
यूपी बोर्ड के अंक सहप्रमाणपत्र पर हिंदी का बोलबाला, डिजिटल मार्कशीट जैसा ही होगा मूल अंक सहप्रमाणपत्र
प्रयागराज : यूपी बोर्ड के नए प्रभारी सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बुधवार से कामकाज शुरू कर दिया। बोले, उनकी प्राथमिकता परीक्षार्थियों को शासन की ओर से तय समय सीमा में अंक सहप्रमाणपत्र मुहैया कराना है, ताकि उनके प्रवेश आदि में दिक्कत न आए। परीक्षार्थियों व उनके अभिभावकों को बोर्ड मुख्यालय और क्षेत्रीय कार्यालय जाने की जरूरत नहीं है, वे घर-बैठे तकनीक के माध्यम से अपनी समस्या बता सकते हैं, उसका त्वरित निस्तारण कराएंगे।
सचिव ने कहा कि कक्षा नौ से लेकर 12 तक के छात्र-छात्रओं को किताबें मुहैया कराने के लिए राजकीय इंटर कालेजों में स्टॉल लगवाने की योजना बना रहे हैं। इसमें परीक्षार्थी न सही उनके अभिभावक आएं और मास्क और शारीरिक दूरी का अनुपालन करते हुए किताबें खरीदकर बच्चों की पढ़ाई कराएं।
कोरोना ने रोका परीक्षा कार्यक्रम : इस बार कोरोना संकट की वजह से स्कूल ही नहीं खुल पा रहे हैं। छात्र-छात्रओं की पढ़ाई निश्चित स्तर पर पहुंचते ही परीक्षा की सूचना समय से जारी कराई जाएगी।
चार दिन में आठ शिकायतें : प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय में परीक्षा से जुड़ी 8 शिकायतें मिली हैं। अपर सचिव शिव प्रकाश द्विवेदी ने बताया कि 7 प्रकरण इंटर के रिजल्ट और एक प्रायोगिक विषय का अंक देने का है।
‘परीक्षार्थियों को सहूलियत दिलाना प्राथमिकता’
2601 कालेज का परिणाम शत-प्रतिशत
राज्य ब्यूरो, प्रयागराज : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर 2020 की परीक्षा में 2601 माध्यमिक कालेजों का परिणाम शत-प्रतिशत रहा है। इन कालेजों में दाखिला लेने वाले 10वीं और 12वीं के सभी परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। हालांकि इन कालेजों में भी वित्तविहीन स्कूलों का ही दबदबा है। इसमें शासकीय व अशासकीय सहायताप्राप्त कालेज पीछे हैं। माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड ने परिणाम के साथ ही ऐसे 134 कालेजों की सूची जारी की थी जिनका परिणाम शून्य था। बोर्ड ने ऐसे कालेजों 2601 की भी सूची कर दी है, जिनका परिणाम शत-प्रतिशत रहा है। ऐसे कालेजों में सबसे अधिक 184 लखनऊ जिले में हैं। दूसरे स्थान पर 178 कालेजों के साथ कानपुर नगर है। तीसरा स्थान 109 कालेजों के साथ आगरा का है। चौथा स्थान 100 कालेजों संग प्रयागराज को मिला है।
राज्य ब्यूरो, प्रयागराज : देश के हंिदूी भाषी राज्य उत्तर प्रदेश के अहम शिक्षा संस्थान यूपी बोर्ड के अंक सहप्रमाणपत्र में अब हंिदूी का बोलबाला है। डिजिटल अंकपत्र में अभ्यर्थी व उनके माता-पिता का नाम हंिदूी में भी दर्ज किया गया है। इससे पहले अंग्रेजी में ही परीक्षार्थी आदि का नाम लिखा जाता था। बोर्ड ने यह कदम हाईकोर्ट के आदेश पर उठाया है। इसके लिए पिछले वर्ष कई बार अभ्यर्थी आदि के नामों को दुरुस्त कराने की प्रक्रिया चली।
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर परीक्षा 2020 का परिणाम 27 जून को जारी हुआ। कोरोना की वजह से करीब 51 लाख से अधिक परीक्षार्थियों का परिणाम वेबसाइट पर अपलोड तो हो गया लेकिन, अंक सहप्रमाणपत्र अब तक छप नहीं सके हैं। ऐसे में अगली कक्षा में प्रवेश दिलाने के लिए डिजिटल अंक पत्र देने का निर्णय हुआ। बुधवार से परीक्षार्थियों ने अपने कालेज के प्रधानाचार्य को मार्कशीट के लिए प्रार्थना पत्र दिया। प्रधानाचार्यो ने यूपी बोर्ड सचिव के डिजिटल हस्ताक्षर वाली कॉपी को डाउनलोड कर उसका प्रिंट निकाला और उसे रिकॉर्ड से मिलाकर सत्यापित करके सौंपा है। यह मार्कशीट परीक्षार्थियों के लिए अस्थाई तौर पर मूल मार्कशीट की तरह ही काम करेगी। इतना ही नहीं डिजिटल मार्कशीट मूल अंकपत्र की तरह ही है। हाईस्कूल उत्तीर्ण परीक्षार्थियों को कक्षा 11 और इंटर पास करने वालों को स्नातक में दाखिले के लिए यह मान्य होगी। 15 जुलाई से हाईस्कूल के अंक सहप्रमाणपत्र की हार्ड कापी मिलेगी और 30 जुलाई से इंटर की मिलेगी।
सभी 75 जिलों के अभिलेख अपलोड : यूपी बोर्ड की ओर से कहा गया कि देर शाम तक सभी 75 जिलों के हाईस्कूल व इंटर के परीक्षार्थियों का डिजिटल अंकपत्र अपलोड हो गए हैं।
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