बीएड में प्रवेश और परीक्षा के लिए नई गाइडलाइन जारी, पढ़ाई के 200 दिन पूरे होने पर वार्षिक परीक्षा करा सकते हैं विवि
बीएड में प्रवेश और परीक्षा के लिए नई गाइडलाइन जारी, पढ़ाई के 200 दिन पूरे होने पर वार्षिक परीक्षा करा सकते हैं विवि
बीएड में प्रवेश और परीक्षा के लिए नई गाइडलाइन जारी, पढ़ाई के 200 दिन पूरे होने पर वार्षिक परीक्षा करा सकते हैं विवि
कोरोना काल में बीएड के प्रवेश से लेकर वार्षिक परीक्षा कराने की गाइडलाइन नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन एनसीटीई ने जारी कर दी है। एहतियात के साथ कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया पूरी कराई जाए, जबकि पढ़ाई के 200 दिन पूरे होने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन परीक्षा करा सकते हैं। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से 150 बीएड कॉलेज जुड़े हुए हैं। इनमें अध्ययनरत 15 हजार छात्र पिछले चार माह से परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं।
बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा हो चुकी है। अब पांच सितंत्र को परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। इसके बाद काउंसिलिंग व कॉलेजों में प्रवेश देने का सिलसिला शुरू होगा। बीएड कॉलेजों में प्रवेश के मद्देनजर एनसीटीई ने गाइडलाइन बनाई है। यह गाइडलाइन कॉलेज में काउंसिलिंग के लिए आने वाले उम्मीदवारों के लिए है। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सभी के दूर-दूर बैठने की व्यवस्था की जाएगी। इस वर्ष बीएड में प्रवेश लेने की ख्वाहिश रखने वाले 32 हजार चार सौ 10 परीक्षार्थियों ने शहर में बनाए गए 65 केंद्रों पर परीक्षा दी।
यह हैं प्रवेश की गाइडलाइन
- एक कक्ष में एक ही काउंटर होगा। प्रत्येक काउंटर के सामने दो गज की
- दूरी पर सफेद गोले बनाए जाएं। उनगोलों में ही छात्र-छात्राओं को खड़ा किया जाए।
- ऐसे में मास्क का उपयोग करना जरूरी है।
- टोकन से छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया जाए।
- प्रवेश के दौरान उनकी थर्मल स्क्रीनिंग हो।
- शौचालय, पेजयल वाले स्थलों को सैनिटाइज किया जाए।
- काउंसलिंग के दौरान दस्तावेज सत्यापन के स्थान सैनिटाइज किए जाए।
- कॉलेजों में कर्मचारियों की रोटेशन में झ्यूटी लगाई जाए।
छात्रों को वार्षिक परीक्षा का इंतजार
सीएसजेएमयू के विद्यार्थी बीएड की वार्षिक परीक्षा का इंतजार पांच महीने से कर रहे हैं। नियमानुसार प्रवेश से 200 दिन पढ़ाई पूरी होने के बाद वार्षिक परीक्षा हो जानी चाहिए। पढ़ाई प्रारंभ हुए नौ महीने बीत चुके हैं, जबकि जो परीक्षा कराने की जो गाइडलाइन एनसीटीई की है, उसके अंतर्गत मानक के अनुसार कक्षाएं लगे पांच महीने से ऊपर बीत चुका है। स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी का कहना है कि एनसीटीई से संपर्क किए जाने पर बताया गया कि परीक्षा कराना विवि की जिम्मेदारी है। अगर कक्षाएं पूरी लग चुकी है तो परीक्षा आयोजित कराई जा सकती हैं।
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