डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय : फर्जी डिग्री के आरोप में बर्खास्तगी पर लगी रोक
डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय : फर्जी डिग्री के आरोप में बर्खास्तगी पर लगी रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की 2004-05 की बीएड की फर्जी डिग्री के आरोप में बर्खास्तगी पर रोक लगा दी है। साथ ही याचिका लंबित रहने के दौरान याची को बहाल कर
नियमित वेतन भुगतान करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने सहायक अध्यापक आशीष दुबे की याचिका अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी को सुनकर दिया है। याची का कहना है कि फर्जी डिग्री के आरोप में बर्खास्तगी के एकल पीठ दाखिल हुई। दो न्यायाधीशों की खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी है इसीलिए उसकी बर्खास्तगी अपील तय होने तक रद्द की जाए। याची ने आगरा विवि से 2004-05 में बीएड डिग्री किया है। वह 20 सितम्बर 2015 से नौकरी कर रहा है। एसआईटी जांच में हजारों बीएड डिग्रियों के फर्जी होने की रिपोर्ट पर कार्रवाई का आदेश दिया गया है। उसके बाद बीएसए ने कारण बताओ नोटिस जारी किया और बर्खास्त कर दिया। याची का कहना है कि जिस आदेश से कार्रवाई की गई है, उस पर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने रोक लगा दी है।
नियमित वेतन भुगतान करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने सहायक अध्यापक आशीष दुबे की याचिका अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी को सुनकर दिया है। याची का कहना है कि फर्जी डिग्री के आरोप में बर्खास्तगी के एकल पीठ दाखिल हुई। दो न्यायाधीशों की खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी है इसीलिए उसकी बर्खास्तगी अपील तय होने तक रद्द की जाए। याची ने आगरा विवि से 2004-05 में बीएड डिग्री किया है। वह 20 सितम्बर 2015 से नौकरी कर रहा है। एसआईटी जांच में हजारों बीएड डिग्रियों के फर्जी होने की रिपोर्ट पर कार्रवाई का आदेश दिया गया है। उसके बाद बीएसए ने कारण बताओ नोटिस जारी किया और बर्खास्त कर दिया। याची का कहना है कि जिस आदेश से कार्रवाई की गई है, उस पर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने रोक लगा दी है।
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