डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर किस्तों में होगी भर्ती
डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर किस्तों में होगी भर्ती
प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के ३९०० रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जल्द शुरू होने जा रही है। लेकिन, भर्ती किस्तों में होगी। उच्च शिक्षा निदेशालय में पदों के सत्यापन का कार्य जारी है। छात्रों की संख्या के हिसाब से पदों का निर्धारण होगा और इस दौरान निदेशालय अलग-अलग चरणों में पदों का अधियाचन उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (यूपीएचईएससी) को भेजता रहेगा।
ऐसे में आयोग को भी अलग-अलग विज्ञापनों के माध्यम से भर्ती करनी होगी। अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पड़े ३९०० पदों पर भर्ती के लिए शासन से मंजूरी मिल चुकी है। इससे पूर्व जिला स्तर पर रिक्त पदों का सत्यापन कराया गया था। हालांकि उस वक्त रिक्त पदों की गणना कॉलेज में स्वीकृत पदों के अनुरूप की गई थी। कॉलेजों में स्वीकृत पदों में से जितने पद रिक्त थे, उनकी सूची बनाकर निदेशालय को भेज दी गई थी।
इसमें 3900 रिक्त पद शामिल किए गए थे। निदेशालय अब जांच-पड़ताल कर रहा है कि कॉलेजों में छात्रों की संख्या कितनी है। कुछ कॉलेजों में छात्रों की संख्या बढ़ी हैं तो तमाम कॉलेजों में छात्रों की संख्या पहले के मुकाबले काफी कम हो गई है। पदों की गणना छात्र-शिक्षक अनुपात के हिसाब से की जा रही है। ऐसे में पदों की संख्या घट-बढ़ सकती है।
जरूरी नहीं कि सभी ३९०० रिक्त पदों पर भर्ती हो। निदेशालय में इससे संबंधित सत्यापन का काम चल रहा है और अब रिक्त पदों पर भर्ती के लिए अलग-अलग चरणों में आयोग को अधियाचन भेजने की तैयारी चल रही है, ताकि भर्ती शुरू होने में विलंब न हो और पदों की संख्या को लेकर बाद में कोई विवाद भी न हो।
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. वंदना शर्मा का कहना है कि कोविड-१९ के कारण कर्मचारियों की उपस्थिति सीमित है, लेकिन पदों का सत्यापन तेजी से चल रहा है। अलग-अलग चरणों में आयोग को अधियाचन भेजा जाएगा। जल्द ही पहले चरण के तहत कुछ पदों का का अधियाचन भेज दिया जाएगा।
चार साल से नहीं हुई कोई नई भर्ती -प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर भर्ती के लिए पिछला विज्ञापन चार साल पहले जारी किया गया था। चार साल से कोई नहीं भर्ती नहीं हुई है। हालांकि दो साल पहले ५३४ पदों पर भर्ती के लिए निदेशालय ने यूपीएचईएससी को अधियाचन भेजा था, लेकिन विज्ञापन जारी होने से पहले ही निदेशालय ने अधियाचन वापस ले लिया। उस वक्त निदेशालय की ओर से कहा गया था कि आरक्षण की नए सिरे से समीक्षा की जाएगी और इसके बाद संशोधित अधियाचन भेजा जाएगा। लेकिन, इसके बाद विभिन्न कारणों से अधियाचयन नहीं भेजा जा सका और असिस्टेंट प्रोफेसर के नए पदों पर भर्ती अटकी रही।
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