सरकारी भर्तियों के लिए अब एक कॉमन टेस्ट: एक देश, एक परीक्षा : ग्रुप ‘बी’ व ‘सी’ के लिए एक राष्ट्रीय एजेंसी कराएगी इम्तिहान
सरकारी भर्तियों के लिए अब एक कॉमन टेस्ट: एक देश, एक परीक्षा : ग्रुप ‘बी’ व ‘सी’ के लिए एक राष्ट्रीय एजेंसी कराएगी इम्तिहान
नई दिल्ली: सरकारी भर्ती प्रक्रिया में सुधार की बड़ी पहल करते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के गठन को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब ग्रुप ‘बी’ और ‘सी’ के नॉन टेक्निकल पदों पर भर्ती के लिए आवेदकों को एक ही ऑनलाइन कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) देना होगा। इस टेस्ट के आधार पर वे अलग-अलग विभागों में भर्ती के लिए मुख्य परीक्षाओं में शामिल होने के पात्र होंगे। सीईटी में सफल अभ्यर्थी तीन साल सीधे मुख्य परीक्षा दे सकेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। एनआरए के लिए सरकार ने 1,517.57 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसे तीन साल में व्यय किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर और डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि एनआरए के गठन को मंजूरी के साथ ही इसमें फिलहाल तीन भर्ती बोर्डो रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी), कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) और बैकिंग कर्मचारी चयन संस्थान (आइबीपीएस) को शामिल किया गया है। आगे केंद्रीय सेवाओं से जुड़े अन्य भर्ती बोर्डो को भी इससे जोड़ा जाएगा। अभी देशभर में केंद्रीय स्तर की नौकरियों से जुड़े करीब 20 भर्ती बोर्ड हैं। आवेदकों को भटकना न पड़े इसके लिए देश के प्रत्येक जिले में राष्ट्रीय भर्ती बोर्ड का एक केंद्र होगा। ज्यादा उम्मीदवारों की संख्या होने पर इन केंद्रों की संख्या एक से ज्यादा भी हो सकती है। इसके तहत पहले चरण में देश में एक हजार परीक्षा केंद्र खोले जाएंगे। खासकर महिलाओं और दूरदराज के क्षेत्रों के आवेदकों को आसपास ही सुविधा उपलब्ध हो। जितेंद्र सिंह ने कहा कि वह इसे लेकर राज्यों से जल्द ही बात करेंगे। इच्छुक राज्य एनआरए के साथ एमओयू साइन कर उससे जुड़े सकेंगे। इससे उनके संसाधनों की बचत होगी। साथ ही उन्हें भर्ती के लिए अलग से कोई परीक्षा कराने की जरूरत नहीं होगी। आवेदकों को भी राज्य की नौकरियों के लिए अलग से आवेदन नहीं करना होगा।
कैबिनेट की मुहर
- राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन को केंद्र सरकार ने दी मंजूरी
- ’ हर जिले में होगा परीक्षा केंद्र, हजार से ज्यादा केंद्र खोले जाएंगे
- ’ पहले चरण में आरआरबी, एसएससी और आइबीपीएस को जोड़ा गया
- ’ एजेंसी के लिए 1,518 करोड़ का आवंटन, तीन साल में होगा खर्च
- ’ राज्यों के भर्ती बोर्ड और निजी क्षेत्रों को भी शामिल करने की योजना
एनआरए का स्वरूप
एनआरए स्वायत्त एजेंसी होगी, जिसका मुख्यालय दिल्ली में रहेगा। एजेंसी के चेयरमैन का पद केंद्र में सचिव के स्तर का होगा। इसके बोर्ड में उन सभी विभागों का प्रतिनिधित्व होगा, जिनके भर्ती बोर्डो को इससे जोड़ा जाएगा।
ऐसी होगी व्यवस्था
राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) विभिन्न भर्ती बोर्ड के लिए ऑनलाइन कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) का आयोजन करेगी। इसके तहत ग्रुप ‘बी’ एवं ‘सी’ के नॉन टेक्निकल पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा होगी। सीईटी में सफल होने वाले अभ्यर्थी संबंधित बोर्ड की मुख्य परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। मुख्य परीक्षा में विफल होने के बाद भी उन्हें तीन साल तक सीधे मुख्य परीक्षा देने की अनुमति होगी।
राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी करोड़ों युवाओं के लिए आशीर्वाद साबित होगी। सीईटी के माध्यम से कई परीक्षाओं की जरूरत खत्म होगी और कीमती समय व संसाधनों की बचत होगी। इससे पारदर्शिता को भी बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
इसलिए पड़ी जरूरत
अभी सरकारी नौकरी के लिए अभ्यर्थियों को एक जैसी पात्रता की शर्ते होने के बावजूद अलग-अलग भर्ती बोर्ड की परीक्षाओं में शामिल होना पड़ता है। इससे अभ्यर्थियों पर परीक्षा की फीस से लेकर अन्य कई खर्चो का दबाव पड़ता है। कई बार परीक्षा केंद्रों तक आना-जाना भी बड़ी चुनौती होती है। प्रत्येक परीक्षा में औसतन ढाई से तीन करोड़ अभ्यर्थी बैठते हैं। सीईटी से अभ्यर्थियों और विभिन्न सरकारी विभागों का खर्च कम होगा और व्यवस्था आसान होगी।
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