30 हजार कर्मियों के वीआरएस की तैयारी, 30 वर्ष से अधिक सेवा या 55 वर्ष से अधिक उम्र वाले होंगे पात्र
30 हजार कर्मियों के वीआरएस की तैयारी, 30 वर्ष से अधिक सेवा या 55 वर्ष से अधिक उम्र वाले होंगे पात्र
देश का सबसे बड़ा कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) अपने कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) लाने की तैयारी कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि ‘सेकेंड इनिंग्स टैप वीआरएस-2020’ नाम से इस योजना का मसौदा तैयार हो गया है और इसे बैंक के निदेशक बोर्ड की अनुमति की दरकार है। बैंक वीआरएस के माध्यम से खर्च में कटौती करना चाहता है। उसके पास इस वर्ष मार्च के आखिर में 2.49 लाख कर्मचारी थे, जिसमें से लगभग 30,190 वीआरएस के दायरे में आएंगे।
मसौदे के मुताबिक वीआरएस के माध्यम से बैंक अपने चुनिंदा कर्मचारियों को बाहर निकलने का सम्मानजनक रास्ता मुहैया कराना चाहता है। इनमें वैसे कर्मचारी शामिल होंगे जो करियर के शीर्ष पर पहुंच चुके होंगे, प्रदर्शन के सर्वश्रेष्ठ स्तर को हासिल करने में सक्षम नहीं रहे होंगे, जिनके साथ कोई व्यक्तिगत समस्या है या जो बैंक के बाहर अपनी निजी व पेशेवर जिंदगी का मुकाम तलाशना चाहते हैं।
यह योजना उन सभी स्थायी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए होगी जिन्होंने 25 वर्ष से अधिक सेवा दी हो या जिनकी उम्र 55 वर्ष के पार पहुंच चुकी हो। मसौदे में कहा गया है कि योजना पहली दिसंबर से अगले वर्ष फरवरी के अंत तक खुली रहेगी।
एसबीआइ के इस मसौदे के मुताबिक अगर पात्र कर्मचारियों में से 30 प्रतिशत ने वीआरएस के लिए आवेदन दिया, तो इस वर्ष जुलाई की सैलरी के आधार पर बैंक को शुद्ध रूप से 1,662.86 करोड़ रुपये की बचत होगी। जिन कर्मियों का वीआरएस आवेदन स्वीकार कर लिया जाएगा उन्हें सेवानिवृत्ति की बाकी अवधि के लिए आखिरी वेतन का 50 प्रतिशत हिस्सा दे दिया जाएगा।
हालांकि यह रकम उनके 18 महीनों के वेतन से अधिक नहीं होगी। इसके अलावा उन्हें ग्रैच्युटी, पेंशन, पीएफ व मेडिकल से संबंधित सुविधाएं मिलेंगी।
दिसंबर से अगले वर्ष फरवरी आखिर तक खुली रहेगी योजना
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