समाप्त किए गए भत्ते बहाल करने की मांग, दो अक्टूबर को सरकार को विरोध पत्र भेजने का लिया गया निर्णय
समाप्त किए गए भत्ते बहाल करने की मांग, दो अक्टूबर को सरकार को विरोध पत्र भेजने का लिया गया निर्णय
लखनऊ : प्रदेश सरकार ने जिन भत्तों को खत्म किया है उनकी बहाली की मांग उठने लगी। रविवार को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पदाधिकारियों ने वचरुअल सम्मेलन में भत्तों की बहाली, महंगाई भत्ते की किस्तों का भुगतान जुलाई 2021 तक रोकने की मांग की। सम्मेलन में साठ जिलों के सौ से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए।
तीन घंटे तक चले सम्मेलन में शिक्षा, पंचायती राज, ग्राम्य विकास, बाल विकास पुष्टाहार, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, भूगर्भ जल, प्राविधिक शिक्षा, होमगार्डस, पुलिस चतुर्थ श्रेणी सहित कई विभागों के प्रतिनिधि जुड़े। अध्यक्ष एसपी तिवारी ने कहा कि सरकार पुरानी पेंशन की बहाली, कर्मचारी व अफसरों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति व सेवा समाप्ति, संविदा व मानदेय कर्मियों का नियमितिकरण, आउटसोर्सिग की समाप्ति आदि मांगों पर दिसंबर में आंदोलन शुरू होगा।
गांधी जयंती पर सरकार को भेजेंगे विरोध पत्र : पदाधिकारियों ने निर्णय किया कि सरकार को इस संबंध में दो अक्टूबर को विरोध पत्र भेजा जाएगा। अध्यक्ष ने कर्मचारियों से एकजुट होकर 2021 में विशाल आंदोलन के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। सम्मेलन में आरके निगम, आरके वर्मा, रामनरेश सिंह, अजीत प्रताप सिंह यादव, आरपी मिश्र, अरविन्द वर्मा, सतीश श्रीवास्तव, जुबेर अहमद, मुकेश द्विवेदी, कृष्ण मुरारी, अभिषेक बाजपेई, प्रमेंद्र शुक्ला, चंद्रशेखर रावत, विशाल, केएम यादव, पीएन पांडेय आदि शामिल हुए।
एसपी तिवारी बने अध्यक्ष : इस दौरान परिषद के वचरुअल सम्मेलन में चार पदाधिकारी निर्वाचित हुए। एसपी तिवारी अध्यक्ष बने। अरविन्द कुमार वर्मा को वरिष्ठ उपाध्यक्ष, आरके निगम को महामंत्री और आरके वर्मा को सम्प्रेक्षक चुना गया।
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