पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों की योग्यता निर्धारण के लिए राज्य सरकार को बनाना होगा कानून : राज्य निर्वाचन आयोग
पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों की योग्यता निर्धारण के लिए राज्य सरकार को बनाना होगा कानून : राज्य निर्वाचन आयोग
उत्तर प्रदेश में अगले पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों की योग्यता तय करने की राह इतनी आसान भी नहीं है। दो से ज्यादा बच्चे होने पर चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने व प्रत्याशियों की शैक्षिक योग्यता तय करने के लिए राज्य सरकार को कानून बनाना होगा। राज्य निर्वाचन आयोग के विशेष कार्याधिकारी जे.पी.सिंह के अनुसार केन्द्रीय पंचायतीराज अधिनियम में पंचायत चुनावों के लिए जो मानक तय हैं, उनमें प्रत्याशियों की योग्यता तय करने का मामला राज्य सरकारों पर छोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश सरकार प्रत्याशियों की योग्यता तय करने की मंशा रखती है तो उसे विधान मण्डल का सत्र बुलाकर इस बाबत विधेयक पारित करवाना होगा। उसके पहले इस बाबत कैबिनेट से प्रस्ताव पारित होगा।
उधर, अन्य जानकारों का कहना है कि चूंकि इस विधेयक को विधान सभा और विधान परिषद दोनों सदनों से पारित करवाना होगा। मौजूदा समय में विधान परिषद में सत्तारूढ़ भाजपा के पास बहुमत नहीं है इसलिए दिक्कत पेश आएगी। जब तक अधिवेशन नहीं होता तब तक के लिए कैबिनेट से प्रस्ताव पारित कर प्रदेश सरकार अध्यादेश भी ला सकती है। मगर यह अध्यादेश अधिकतम छह महीने के लिए ही होगा। चूंकि पंचायत चुनाव अगले साल की पहली छमाही में होने हैं इसलिए छह महीने के भीतर ही अध्यादेश को कानून का रूप देने के लिए विधानमण्डल से विधेयक पारित करवाना ही होगा।
अन्य राज्यों में क्या है व्यवस्था
उत्तराखंड में 2 से ज़्यादा बच्चों वाले प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। पंचायती राज संशोधन बिल में पंचायत चुनाव लड़ने के लिए शैक्षिक योग्यता भी निर्धारित कर दी गई है।
उत्तराखंड में सदस्य का चुनाव लड़ने के लिए हाईस्कूल की शैक्षिक योग्यता तय की गयी है। सामान्य महिला व एससी/ एसटी पुरुष के लिए 8वीं कक्षा पास होना जरूरी है। एससी / एसटी महिला प्रत्याशी को पांचवी कक्षा पास होना जरूरी है।
राजस्थान में 2002 के बाद अगर तीसरी संतान हुई है तो ऐसे परिवार का मुखिया पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकता। मगर यहां पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा उम्मीदवारों के लिए तय की गई शैक्षिक योग्यता को मौजूदा गहलौत सरकार ने हटा दिया है।
हरियाणा में पंचायत चुनाव लड़ने के लिए घर में शौचालय होना जरूरी है। इसके लिए सामान्य वर्ग के पुरुष के लिए 10वीं, सामान्य महिला के लिए 8वीं, एससी पुरुष के लिए 8वीं और एससी महिला के लिए 5वीं कक्षा पास होना जरूरी है।
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