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शिक्षक की जिद ने तैयार कर दी हॉकी खिलाड़ियों की फौज

शिक्षक की जिद ने तैयार कर दी हॉकी खिलाड़ियों की फौज

कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालों यारों। इसे साबित किया है, झारखंड के पिछड़े जिलों में शामिल सिमडेगा के एक सुदूर स्कूल के पूर्व प्रिंसिपल बेनेडिक्ट कुजूर ने। जिनके जिद व जुनून ने प्रदेश में हॉकी के खिलाड़ियों की पूरी फौज तैयार कर दी। झारखंड में हॉकी की नर्सरी के नाम से प्रसिद्ध सिमडेगा जिले के केरसई प्रखंड का बासेन पंचायत हॉकी का गढ़ माना जाता है। जिसने अब तक आधा दर्जन अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी देने के साथ-साथ 50 से अधिक राष्ट्रीय स्तर के पुरुष व महिला हॉकी खिलाड़ी दिए हैं। इन सभी खिलाड़ियों को तैयार करने की नर्सरी रहा है बासेन पंचायत स्थित आरसी उत्क्रमित मध्य विद्यालय करंगागुड़ी। इसके पीछे इस स्कूल में 13 वर्षो तक सेवा देने वाले स्कूल के पूर्व प्राचार्य बेनेडिक्ट कुजूर की मेहनत व लगन है। जिन्होंने यहां के बच्चों व युवाओं की प्रतिभा को पहचानते हुए सभी को निखारा।

कुजूर बताते हैं कि पैसे के अभाव में शुरुआत में काफी परेशानी हुई। पहले केंदू व बांस से अपने हाथों से बनाए गए हॉकी स्टिक व शरीफे के सूखे फल से अपने यहां के बच्चों को हॉकी खेलना सिखाया। स्कूल में सख्त अनुशासन बनाया कि स्कूल का हर विद्यार्थी अपने स्कूल बैग के साथ-साथ हॉकी स्टिक अनिवार्य रूप से लाएगा। शुरुआत में कुछ अभिभावक इसे समझ नहीं पाए थे। लेकिन स्कूल के आदेश के बाद वे मजबूरन जंगल में मिलने वाले केंदू के पौधे व बांस से स्टिक बनाकर बच्चों को देने लगे।

बासेन के द्रोणाचार्य के रूप में प्रसिद्ध बेनेडिक्ट बताते हैं कि स्कूल में कक्षा के बाद पास के मैदान को पहले तैयार किया। उसके बाद मैदान में हॉकी की क्लास शुरू की। धीरे-धीरे मेहनत रंग लाने लगी। विद्यार्थी लगातार अपना प्रदर्शन सुधारते गए। बाद में प्रतिभा के आधार पर कई खिलाड़ियों का चयन राज्य स्तरीय हॉकी प्रशिक्षण केंद्र के लिए हुआ। जहां से विदेश में भारत की तरफ से खेलने का अवसर प्राप्त हुआ।

आरसी उ.म.वि.करंगागुड़ी स्कूल के हॉकी खिलाड़ी शिक्षकों के साथ ’ फाइल फोटो

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके खिलाड़ी

बासेन पंचायत की अल्का डुंगडुंग बेल्जियम दौरे में भारतीय टीम में शामिल थी। वहीं अल्फा केरकेट्टा बैंकाक, संगीता कुमारी, बैंकाक, आस्ट्रेलिया, तजाकिस्तान, ब्यूटी डुंगडुंग आस्ट्रेलिया, दीपिका सोरेंग हालैंड तथा अंजना डुंगडुंग केन्या दौरे के दौरान भारतीय हॉकी टीम की सदस्य रहीं और देश को पदक दिलाने में महवपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा सुषमा वर्तमान में टीम इंडिया के शिविर में हिस्सा ले रही हैं। वहीं रजनी सोरेंग, प्रमिला सोरेंग, रंजीता मिंज, इभा केरकेट्टा तथा रेशमा सोरेंग भी भारतीय टीम के लिए चयनित हुई हैं। इसके अलावा 50 से अधिक खिलाड़ी हैं, जो राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हैं।

यहां बच्चों को प्रारंभिक स्तर से शुरुआत कराई जाती है। यहां अब भी हर बच्चा अनिवार्य रूप से हॉकी स्टिक स्कूल लेकर आता है। बेनेडिक्ट कुजूर ने हॉकी को बढ़ावा देने के लिए कड़ी मेहनत की है, जिसका सुखद परिणाम अब मिल रहा है।

पौलुस बागे, प्रिंसिपल, आरसी उ.म.वि.करंगागुड़ी, सिमडेगा

सिमडेगा में बच्चों में हॉकी प्रतिभा कूट-कूट कर भरी हुई है। करंगागुड़ी स्कूल आज पूरे झारखंड के लिए नजीर पेश कर रहा है। यहां के विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ हॉकी में तो अंतरराष्ट्रीय स्तर की उपलब्धि हासिल कर रहे हैं। इनमें यहां के शिक्षकों एवं अभिभावकों का अहम योगदान रहा है।

मनोज कोनबेगी, महासचिव, हॉकी संघ, सिमडेगा

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