कक्षा एक से 10 तक के लिए हो एक ही ट्रेनिंग कोर्स : बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री
कक्षा एक से 10 तक के लिए हो एक ही ट्रेनिंग कोर्स : बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने यूपी में बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश में किए जा रहे सुधारों एवं नए प्रयोगों की सराहना की है। वह गुरुवार को एनसीईआरटी की महासभा की 57वीं बैठक में बोल रहे थे। यह बैठक वर्चुअल आयोजित की गई थी, जिसमें प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चन्द्र
द्विवेदी भी शामिल हुए। कक्षा एक से लेकर 10 तक पढ़ाने के लिए उन्होंने एक ही ट्रेनिंग कोर्स लागू किए जाने की वकालत की। डॉ. द्विवेदी ने बैठक में सुझाव दिया कि शिक्षक बनने के लिए बीएड व डीएलएड का अलग-अलग कोर्स बंद कर दिया जाना चाहिए। इसकी जगह एक ही कोर्स हो, जिसके आधार पर कक्षा एक से लेकर 10 तक अध्यापन कार्य का अवसर दिया जाए। उन्होंने स्नातक के साथ बीएड के चार वर्षीय कोर्स को उचित बताया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह उच्च शिक्षा में सेवारत शिक्षकों के लिए ओरियंटेशन और रिफ्रेशन कोर्स चलाए जाते हैं, उसी तरह बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के शिक्षकों के लिए भी कोर्स चलाए जाएं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने इन सुझावों पर विचार करने का आश्वासन दिया। प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग विभाग में किए जा रहे प्रयासों की चर्चा करते हुए डॉ. द्विवेदी ने कहा कि विभाग के रूपांतरण के लिए मिशन प्रेरणा लागू किया गया है। यह विभाग का फ्लैगशिप कार्यक्रम हैं। कक्षा एक से पांच के हिंदी एवं गणित के छात्र-छात्राओं के लिए प्रेरणा लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं और अध्यापकों के क्षमता संवर्धन पर भी विशेष बल दिया गया है। उन्होंने बताया कि निष्ठा कार्यक्रम के तहत सभी 5.75 लाख शिक्षकों, शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों की क्षमता वृद्धि के लिए हर जिले में विकास खंड स्तर पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए। वर्तमान में शिक्षकों का ऑनलाइन प्रणाली से प्रशिक्षण चल रहा है। इसी तरह दीक्षा ‘एप पर शिक्षकों और विद्यार्थियों के उपयोगार्थ 4000 से अधिक वीडियो एवं विजुअल्स शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई गई है। योग्य अध्यापकों में से लगभग 4400 एकेडमिक रिसोर्स परसन का चयन करते हुए प्रक्षिक्षण दिया गया है।
द्विवेदी भी शामिल हुए। कक्षा एक से लेकर 10 तक पढ़ाने के लिए उन्होंने एक ही ट्रेनिंग कोर्स लागू किए जाने की वकालत की। डॉ. द्विवेदी ने बैठक में सुझाव दिया कि शिक्षक बनने के लिए बीएड व डीएलएड का अलग-अलग कोर्स बंद कर दिया जाना चाहिए। इसकी जगह एक ही कोर्स हो, जिसके आधार पर कक्षा एक से लेकर 10 तक अध्यापन कार्य का अवसर दिया जाए। उन्होंने स्नातक के साथ बीएड के चार वर्षीय कोर्स को उचित बताया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह उच्च शिक्षा में सेवारत शिक्षकों के लिए ओरियंटेशन और रिफ्रेशन कोर्स चलाए जाते हैं, उसी तरह बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के शिक्षकों के लिए भी कोर्स चलाए जाएं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने इन सुझावों पर विचार करने का आश्वासन दिया। प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग विभाग में किए जा रहे प्रयासों की चर्चा करते हुए डॉ. द्विवेदी ने कहा कि विभाग के रूपांतरण के लिए मिशन प्रेरणा लागू किया गया है। यह विभाग का फ्लैगशिप कार्यक्रम हैं। कक्षा एक से पांच के हिंदी एवं गणित के छात्र-छात्राओं के लिए प्रेरणा लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं और अध्यापकों के क्षमता संवर्धन पर भी विशेष बल दिया गया है। उन्होंने बताया कि निष्ठा कार्यक्रम के तहत सभी 5.75 लाख शिक्षकों, शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों की क्षमता वृद्धि के लिए हर जिले में विकास खंड स्तर पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए। वर्तमान में शिक्षकों का ऑनलाइन प्रणाली से प्रशिक्षण चल रहा है। इसी तरह दीक्षा ‘एप पर शिक्षकों और विद्यार्थियों के उपयोगार्थ 4000 से अधिक वीडियो एवं विजुअल्स शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई गई है। योग्य अध्यापकों में से लगभग 4400 एकेडमिक रिसोर्स परसन का चयन करते हुए प्रक्षिक्षण दिया गया है।
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