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बच्चों को कक्षाओं में आने के लिए बाध्य नहीं करेंगे स्कूल, मंत्रालय ने सुरक्षा व शैक्षणिक गतिविधियों को गाइडलाइन जारी की

 बच्चों को कक्षाओं में आने के लिए बाध्य नहीं करेंगे स्कूल, मंत्रालय ने सुरक्षा व शैक्षणिक गतिविधियों को गाइडलाइन जारी की

नई दिल्ली: स्कूलों और कोचिंग संस्थानों को 15 अक्टूबर के बाद से खोलने की तैयारियों के बीच शिक्षा मंत्रलय ने सोमवार को सुरक्षा और शैक्षणिक गतिविधियों को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है। इसके तहत स्कूल किसी बच्चे को कक्षाओं में आने के लिए बाध्य नहीं करेंगे। न ही उन पर उपस्थिति को लेकर किसी तरह का दबाव बनाया जाएगा। इतना ही नहीं, स्कूल खुलने के दो से तीन हफ्ते तक बच्चों का कोई एसेसमेंट टेस्ट भी नहीं लिया जाएगा। अभिभावकों की लिखित अनुमति के बाद ही बच्चों को स्कूल आने की अनुमति रहेगी। छात्र क्लास रूम या ऑनलाइन में से किसी एक विकल्प को चुनने के लिए स्वतंत्र रहेंगे। स्कूल खोलने को लेकर फैसला राज्यों पर छोड़ा है।


कोरोना के बीच मार्च से ही बंद पड़े स्कूलों और कोचिंग संस्थानों को फिर से खोलने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कड़े सुरक्षा मानकों के तहत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। साथ ही राज्यों और स्कूलों को इसे अपने स्तर पर और प्रभावशाली बनाने की छूट भी दी है। स्कूलों को न सिर्फ कक्षाओं को साफ-सुथरा रखना होगा, बल्कि पुस्तकालय, प्रयोगशाला,कैंटीन, पीने वाले पानी के टैंक और शौचालयों को भी स्वच्छ रखना होगा। स्कूलों को रिस्पांस टीम जैसे इमर्जेसी रिस्पांस टीम, जनरल सपोर्ट टीम, हाइजेनिक इंस्पेक्शन टीम आदि गठित करने का सुझाव दिया। स्कूलों को परिवहन व्यवस्था का पूरा प्लान, छात्रों के बैठने का प्लान आदि तय मानकों के हिसाब से तैयार करने को भी कहा है, ताकि एक छात्र से दूसरे छात्र के बीच छह फीट की दूरी बनी रहे। स्कूल खोलने के दौरान अपनाए जाने वाले सुरक्षा मानकों का भी गाइडलाइन में उल्लेख किया गया है। इसके तहत कक्षाओं सहित पूरे स्कूल परिसर को हर दिन पढ़ाई खत्म होने के बाद सैनिटाइज करना होगा।

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