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Prayagraj : परिषदीय विद्यालयों में उच्चाधिकारी महीने में 40 स्कूलों का करेंगे निरीक्षण, यह भी करना होगा

 Prayagraj : परिषदीय विद्यालयों में उच्चाधिकारी महीने में 40 स्कूलों का करेंगे निरीक्षण, यह भी करना होगा

प्रयागराज: परिषदीय विद्यालयों में उच्चाधिकारी महीने में 40 स्कूलों का करेंगे निरीक्षण, यह भी करना होगा
सभी परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा विभाग के अफसरों को अनिवार्य रूप से निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। यह निरीक्षण पठन-पाठन को दुरुस्त करने के साथ ही विद्यालय के आधारभूत ढांचे को भी विकसित करने में मदद करेगा। विभाग की तरफ से जारी निर्देशों में कहा गया है कि सभी उच्चाधिकारी महीने में कम से कम 40 स्कूलों का अनिवार्य रूप से निरीक्षण करें। इस दौरान अधिकारियों को अपनी आख्या पोर्टल पर भी अपलोड करनी होगी। उसके अनुसार उच्चाधिकारी कार्रवाई भी सुनिश्चित करेंगे।


इसी क्रम में अधिकारियों ने कहा है कि अब यदि एआरपी स्कूलों में सपोर्टिव सुपरविजन के लिए जाते हैं तो अनिवार्य रूप से पहले सूचना दें। ऐसा न करने पर विद्यालय भ्रमण का उद्देश्य शासन की मंशा के अनुसार सपोर्टिव सुपरविजन न होकर औचक निरीक्षण हो जाएगा। ऐसा करना पद के अनुरूप नहीं है। एआरपी का लक्ष्य पठन-पाठन को बेहतर करना है, जिससे परिषदीय विद्यालयों में भी शिक्षा का स्तर उठाया जा सके। शिक्षकों को भी चाहिए कि वे एआरपी से सकारात्मक होकर मिलें और स्कूल में पढ़ाई को बेहतर बनाने के लिए सहयोग लें। यदि कहीं किसी तरह की कठिनाई हो तो सभी शिक्षकों के साथ बैठक करें। शिक्षण में इस बात का भी ध्यान रखें कि रोचकता बनी रहे। विद्यार्थी सृजनशील बनें न कि उनके लिए शिक्षा बोझ बने।

स्कूलों में बनाई जाए प्रयोगशाला और पुस्तकालय
सभी परिषदीय स्कूलों में विज्ञान की प्रयोगशाला भी बनाने के निर्देश हैं। ऐसी प्रयोगशाला बने जिससे बच्चे आओ कर के सीखें। इसी तरह पुस्तकों और पत्रिकाओं का भी संग्रह किया जाए। सभी बच्चों को रोचक किताबें भी पढऩे के लिए प्रेरित करें।

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