यूपी के छात्रों में आक्रोश नई शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर ट्विटर पर पूरे भारत में कराया ट्रेंड फिर भी उत्तर प्रदेश सरकार मौन- बंटी पाण्डेय
यूपी के छात्रों में आक्रोश नई शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर ट्विटर पर पूरे भारत में कराया ट्रेंड फिर भी उत्तर प्रदेश सरकार मौन- बंटी पाण्डेय
यूपी के छात्रों में आक्रोश नई शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर ट्विटर पर पूरे भारत में कराया ट्रेंड फिर भी उत्तर प्रदेश सरकार मौन- बंटी पाण्डेय
लखनऊ :-
उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी एक चुनावी जुमला बनता जा रहा है। उत्तर प्रदेश के युवाओं में आक्रोश बढता जा रहा है।सरकार के मनमाने रवैया एवं युवाओं की अनदेखी से युवाओं का खेमा नाराज है।यहां भर्ती तो निकलती नहीं जब निकलने की बारी आती है तो केवल लेट लतीफ सरकार द्वारा इसलिए किया जाता है जिससे चुनाव में उनको जुमला फेकने का अवसर मिल सके।उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती एक अभिशाप के रूप में हो गयी है यहाँ शिक्षक भर्ती के साथ राजनीति होती है जिसे वोट बैंक से जोड़ कर देखा जाता है।वहीं शिक्षक भर्ती की मांग कर रहे शिक्षक नेता बंटी पाण्डेय ने बताया कि प्रदेश के बेरोजगार युवा छात्रों ने ट्विटर पर इस हैशटैग(#RELEASE_97K_STET_BEFORE_TET) का प्रयोग करके पूरे दिन मामले को भारत के साथ साथ यूपी में ट्रेंड करवाया। इस मुद्दे को ट्रेंड करवाने में प्रदेश के सभी लोगों नें साथ दिया जिनमें राजवसु यादव,नेहा तिवारी,नेहा निर्मल,आकांक्षा यादव,अमित,विवेक यदुवंशी,नरोत्तम यादव,भानु शुक्ला, अभिषेक पाठक,विपुल मिश्र,शिवम द्विवेदी, कोमल जागृति पाण्डेय, करिश्मा यादव,आदित्य दीक्षित, वर्शिता गंगवार,शिवानी,सौम्या पाण्डेय एवं अन्य डीएलएड 15,17 बैच के सभी प्रशिक्षु ट्वीट के माध्यम से प्रदेश सरकार से भर्ती की मांग कर रहे हैं। सभी छात्रों की मांग है कि प्राथमिक विद्यालयों में एवं जूनियर एडेड विद्यालयों में सरकार जल्द से जल्द टेट एवम सीटेट के विज्ञापन से पहले सुपरटेट का विज्ञापन जारी करे। पिछले 1.5 साल से सरकार और सरकार के अधिकारी केवल बेरोजगार युवाओं के जीवन के साथ से खिलवाड़ कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने बेरोजगार युवाओं के जीवन को मजाक बना दिया है।ये सरकार नौकरी एवं भर्ती के नाम पर बेरोजगार युवाओं की जिन्दगी बर्बाद कर रही है।जबकि प्रदेश में 1 लाख 10 हजार प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक के पद खाली हैं। यहाँ 8 से 10 लाख प्रशिक्षु सरकार से नयी भर्ती की मांग कर रहे हैं। यहाँ केवल प्रशिक्षुओं के साथ राजनीति हो रही है।मंत्री लोग केवल अगले चुनाव की तैयारी में लगे हुए हैं,लेकिन भर्ती नाम पर अगर फ़ोन कर दिया तो फोन भी रिसीव नहीं करते हैं अगर गलती से उठा लिया तो काट देते हैं,तो बेरोजगार युवा आत्म हत्या करने पर विवश है। बस सरकारें बदल रही लेकिन सबकी स्थिति वही है,जुमला और केवल जुमला। अब यूपी के युवा छात्र जाग चुके हैं।अगर भर्ती नहीं आयेगी तो युवा छात्र आगामी चुनाव में इसका परिणाम दिखा के रहेंगें। जो सरकार उनको रोजगार देगी उन्ही के साथ युवा भी अपना समर्थन देंगे,इसलिए प्राथमिक विद्यालयों और जूनियर एडेड स्कूल में विज्ञापन जल्द से जल्द जारी कीजिए।
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