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इलाहाबाद हाईकोर्ट: आदेशों के बावजूद सेवा काल में अध्यापकों के निधन पर पीड़ित परिवार को ग्रेच्युटी का भुगतान क्यों नहीं

 इलाहाबाद हाईकोर्ट: आदेशों के बावजूद सेवा काल में अध्यापकों के निधन पर पीड़ित परिवार को ग्रेच्युटी का भुगतान क्यों नहीं

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा सेवा काल में अध्यापकों के निधन पर पीड़ित परिवार को उनकी ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं करने को गंभीरता से लेते हुए अपर मुख्य सचिव माध्यमिक से जवाब मांगा है। कोर्ट ने उनसे पूछा है कि हाईकोर्ट के कई आदेशों के बावजूद मृतक कर्मचारी की ग्रेच्युटी का भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा और न्यायालय पर मुकदमों का अनावश्यक बोझ डाला जा रहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल ने आगरा की संजना मित्तल की याचिका पर अधिवक्ता कमल कुमार केशरवानी को सुनकर दिया है।


एडवोकेट कमल कुमार केसरवानी के अनुसार याची के पति जैन इंटर कॉलेज हरीपर्वत आगरा में प्रवक्ता थे। सेवा काल के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। विभाग ने उनकी प‌ारिवरिक पेंशन और बीमा आदि का भुगतान तो समय से कर दिया लेकिन ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं किया। इस पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई तो कोर्ट ने डीआईओएस आगरा को समय से ग्रेच्युटी के भुगतान पर निर्णय लेने का निर्देश दिया।

अधिवक्ता कमल केशरवानी का कहना था कि इस आदेश के बाद डीआईओएस ने याची का प्रत्यावेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया कि याची के पति ने सेवा काल में ग्रेच्युटी भुगतान का विकल्प नहीं दिया था। इसलिए उन्हें ग्रेच्युटी नहीं दी सकती। जबकि ऐसे कई मामलों में हाईकोर्ट ने ग्रेच्युटी भुगतान का आदेश दिया है। इस पर कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव से हलफनामा दाखिल कर बताने को कहा है कि कोर्ट के निर्देश के बावजूद ग्रेच्युटी का भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है। 

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