अंतर जिला तबादला: दावा चार बार, तबादला सूची एक भी नहीं हो सकी जारी, कभी सत्यापन पूरा न होने को वजह बनाया गया तो ली कोर्ट के आदेश की शरण
अंतर जिला तबादला: दावा चार बार, तबादला सूची एक भी नहीं हो सकी जारी, कभी सत्यापन पूरा न होने को वजह बनाया गया तो ली कोर्ट के आदेश की शरण
प्रयागराज : परिषदीय शिक्षकों की मनचाहे जिले में जाने की चाहत पूरी होने का नाम ले रही। बेसिक शिक्षा परिषद ने बीते एक साल में चार बार तबादले की सूची प्रकाशित करने की समय सारिणी घोषित की। दिसंबर, 2019 से शुरू हुई इस प्रक्रिया के बाद अब दिसंबर, 2020 भी बीतने जा रहा है, लेकिन अब तक एक भी सूची जारी नहीं हो सकी है। कभी सत्यापन पूरा न होने को वजह बनाया गया तो कभी कोर्ट के आदेश की शरण ली गई।
- बेसिक शिक्षा परिषद की मनमानी कार्यशैली से हजारों शिक्षक परेशान
- हाईकोर्ट व मुख्यमंत्री की अनुमति के बाद भी तय नहीं हो पा रही सूची
यह हाल तब है, जब कोर्ट व मुख्यमंत्री तबादलों की अनुमति दे चुके हैं। इससे बेसिक शिक्षा परिषद की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। समय सारिणी के अनुसार 30 दिसंबर को तबादला सूची का प्रकाशन नहीं हो सका है, हजारों शिक्षकों का इंतजार जारी है।
परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक शिक्षकों ने ख्वाब संजोया था कि वे 2020-21 का शैक्षिक सत्र शुरू होने के समय अपने गृह जिले में होंगे। उनका यह सपना साल भर साकार नहीं हो पाया। विभाग ने एक साथ दो तरह की तबादला प्रक्रिया शुरू की। पहली जिलों में रिक्त पदों के सापेक्ष अंतर जिला तबादले और दूसरी पारस्परिक स्थानांतरण यानी एक से दूसरे के स्थान पर जाने को लेकर थी।
पहली प्रक्रिया में 70 हजार से अधिक आवेदन हुए तो दूसरे में करीब नौ हजार से अधिक। दोनों प्रक्रिया पहले अलग-अलग रहीं। दावा किया गया था कि दोनों सूची एक साथ निर्गत होंगी, जबकि हालत यह है कि एक ही तबादला आदेश निर्गत करने में विभाग हलकान है। अब फिर कहा जा रहा है कि सूची जल्द निर्गत होगी। बेसिक शिक्षा परिषद सचिव प्रताप सिंह बघेल से इस बाबत फोन पर संपर्क नहीं हो सका, जबकि वाट्स एप पर भी उनका जवाब नहीं आया।
ऐसे तय हुई थी समय सारिणी
आदेश प्रकाशन तारीख
1. दो दिसंबर 2019 - 15 मार्च 2020
2. 22 सितंबर - 15 अक्टूबर
3. 29 सितंबर - 22 अक्टूबर
4. 15 दिसंबर - 30 दिसंबर
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