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Prayagraj: प्रधानाध्यापक का चौपाल के माध्‍यम से बच्चों को शिक्षा से जोडऩे का प्रयास

 Prayagraj: प्रधानाध्यापक का चौपाल के माध्‍यम से बच्चों को शिक्षा से जोडऩे का प्रयास

कोरोना वायरस के संक्रमण काल में भी बच्चों का पठन-पाठन बाधित न हो, इसकी तैयारी की जा रही है। इसके लिए कई प्रयास हो रहे हैं। स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई के अतिरिक्त शिक्षा आप के द्वार अभियान भी चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में प्राथमिक विद्यालय बघोलवा आदिवासी बस्ती जसरा में शिक्षा चौपाल का आयोजन किया गया। 



चौपाल में स्कूल के प्रधानाध्यापक डॉ. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने अभिभावकों को साप्ताहिक पाठ्य सामग्री के बारे में जानकारी दी। कहा कि अभिभावक भी सजग होंगे तभी बच्चों की पढ़ाई बेहतर ढंग से हो सकेगी। आग्रह किया कि एक अभिभावक दूसरे जरूरतमंद बच्चों की भी मदद के लिए आगे आएं। स्थानीय निवासी सुषमा आदिवासी, संतलाल आदिवासी ने बताया कि वह कोरोना काल में अपने बच्चों को पढ़ाने के साथ ही पड़ों के बच्चों की भी पढ़ाई को सुचारु ढंग से कराने में सहयोग कर रही हैं। वह अपने मोबाइल पर आने वाली पाठ्य सामग्री को बच्चों समझाने का प्रयास करती हैं। उनके माता पिता को भी शिक्षा से जोडऩे के लिए प्रयासरत हैं। 

महिला अभिभावकों की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण
विद्यालय के प्रधानाध्यापक डॉ. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि माताओं की भूमिका हमेशा महत्वपूर्ण रही है। अब प्रत्येक मा ही नहीं परिवार की अन्य महिला सदस्य जो शिक्षित हैं उनकी भूमिका बढ़ रही है। यदि मोहल्ले व गांव की महिलाएं शिक्षित होंगी तो बच्चे भी जरूरत शिक्षित होंगे। सिर्फ स्कूल के सहारे बच्चों को नहीं छोड़ा जा सकता है। पुरुषों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। इस मौके पर सहायक अध्यापक मोहम्मद हसीन, शिक्षामित्र विजय कुमार यादव भी मौजूद रहे।

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