अंतर्जनपदीय तबादला:- घर पर बच्चे रो रहे हैं, अब तो जाने दो सरकार, शिक्षकों ने जिले में लागू शासनादेश में संशोधन की मांग
अंतर्जनपदीय तबादला:- घर पर बच्चे रो रहे हैं, अब तो जाने दो सरकार, शिक्षकों ने जिले में लागू शासनादेश में संशोधन की मांग
प्रदेश सरकार की ओर से तबादला प्रक्रिया शुरू किए जाने के बाद स्थानान्तरण न होने से जिले के परिषदीय स्कूलों में तैनात शिक्षक-शिक्षिकाओं ने पूर्व बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री व सदर विधायक अनुपमा जायसवाल से मिलकर अपनी व्यथा सुनाई है। शिक्षकों का प्रतिनिधि मंडल सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा व जिला विकास अधिकारी राजेश मिश्रा से भी मिला, और गृह जनपद तबादले की मांग की।
जब शिक्षिकाओं ने कहा कि हमारे बच्चे घर पर रो रहे हैं, और बीमार माता- पिता को हमारी जरूरत है। हम अरसे से अपने परिवार से दूर हैं। इस पर सदर विधायक अनुपमा जायसवाल भावुक हो उठीं| उन्होंने तत्काल बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी से बात की। जिस पर मंत्री ने जल्द ही तबादले का आश्वासन दिया है । शिक्षिका रश्मि प्रभाकर ने विधायक को बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से 31 दिसम्बर को अन्तर्जनपदीय तबादला सूची जारी की गई। जिसमें आंकाक्षी जनपद बहराइच से सिर्फ सैन्य बलों के आश्रितों का ही तबादला किया गया। जबकि विकलांग, एकल माता-पिता, असाध्य रोगग्रस्त, सरकारी सेवा में कार्यरत पति-पत्नी व महिलाओं का स्थानान्तरण नहीं किया गया। जो नीतिगत नहीं है। यह शिक्षक-शिक्षिकाएं लगभग 6 सालों से जिले में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। दूर होने की वजह से अपने पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन भी नहीं कर पा रहे हैं। इस दौरान नीलम कुमारी, सोनिका, अनु आदि शिक्षिकाएं मौजूद रहीं।
जिले में लागू शासनादेश में संशोधन की मांग
बहराइच। शिक्षक-शिक्षिकाओं ने पूर्व बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री व सहकारिता मंत्री को दिए गए ज्ञापन में मांग की है कि आकांक्षी जनपद बहराइच के शिक्षक व शिक्षिकाओं की पीड़ा को समझते हुए जिले के लिए लागू शासनादेश में संशोधन किया जाय, और पीड़ित शिक्षक-शिक्षिकाओं का उनके गृह जनपद स्थानान्तरण के लिए मौका दिया जाय।
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