Header Ads

मोहल्ला क्लास से शिक्षा की अलख जगा रहे शिक्षक, कोरोना काल में स्कूल न खुलने से राजधानी के शिक्षक ग्रामीण क्षेत्रों में घर जाकर बच्चों को दे रहे शिक्षा

 मोहल्ला क्लास से शिक्षा की अलख जगा रहे शिक्षक, कोरोना काल में स्कूल न खुलने से राजधानी के शिक्षक ग्रामीण क्षेत्रों में घर जाकर बच्चों को दे रहे शिक्षा

कोविड-19 के दौर में छोटे बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, लेकिन शिक्षा की ये अलख बुझने न पाये कुछ इसी कोशिश में बेसिक शिक्षा परिषद स्कूलों के शिक्षक जुटे हुए हैं।

शिक्षकों की ओर से मोहल्ला क्लास, स्कूल आपके द्वार की शुरूआत की है। शिक्षक बच्चो के मोहल्लें खुद जाकर ज्ञान बांट रहे हैं। रविवार को अवकाश के दिन इस का जायजा भी बेसिक शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार ने लिया। उन्होंने उच्च प्राथमिक विद्यालय भरोसा कक्ष एक | से आठ तक कम्पोजिट स्कूल की ओर से संचालित मोहल्ला कक्षाओं का भ्रमण कर निरीक्षण किया गया। इस दौरान बीएसए ने छात्र छात्राओं | को कक्षा 1 से 3 तक की सहज | पुस्तिकाओं के साथ-साथ कापी पेंसिल भी मुहैया करायी।


अभिभावकों को भी किया जागरूक

इस मौके पर बच्चों तथा अभिभावकों को दूरदर्शन पर प्रसारित हो रहे | शैक्षिक कार्यक्रम , रीड अलांग एप और दीक्षा पोर्टल का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया गया इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक वीरेंद्र सिंह प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय भरोसा एक संजय कुमार पांडे प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय भरोसा, पंकज जैन, सहायक अध्यापिका अमिता गुप्ता, सविता सिंह ,महिमा सक्सेना तथा अनुदेशक राम विकास शर्मा सहित इस डीसी बालिका शिक्षा विश्वजीत पांडे व डीसी निर्माण दीपक कुमार के योगदान को भी सराहा गया।


बच्चों से बीएसए ने पूछे सवाल

निरीक्षण के दौरान बीएसए ने मोहल्ला क्लास के अंतर्गत पढ़ने वाले बच्चों से हिन्दी अंग्रेजी तथा गणित विषय के सवाल भी किए, जिसका बच्चों ने कुशलता से जवाब दिया। इस दौरान बीएसए ने भी बच्चों को पढ़ाया और शिक्षा के महात्व के बारे में भी विस्तार से बताया। इस दौरान शिक्षकों की ओर से क्या पढ़ाया जाता है ये भी बच्चों ने बीएसए को बताया।

स्कूल आपके द्वार, मिशन में जुटे

वहीं प्राथमिक विद्यालय संदौली के हेडमॉस्टर संतोष कुमार एक अलग अंदाज में बच्चों और अभिावकों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने स्कूल आपके द्वार नाम से अभियान शुरू किया है। इसमें वह कोरोना काल में गांव के हर घर में बारी-बारी से जाकर बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं। संतोष ने बताया कि इस दौरान अभिभावकों को भी जागरूक करने का काम कर रहे हैं, साथ ही यह भी बता रहे हैं कि बच्चों के लिए पढ़ाई कितना जरूरी है।

कोई टिप्पणी नहीं