एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों को जल्द मिल सकती है नियुक्ति
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों को जल्द मिल सकती है नियुक्ति
एलटी ग्रेड हिंदी एवं सामाजिक विज्ञान के चयनित अभ्यर्थियों को जल्द ही नियुक्ति मिलने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) इस माह दोनों विषयों के चयनित अभ्यर्थियों की फाइलें माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को भेज सकता है। निदेशालय को फाइलें मिलने के बाद अभ्यर्थियों की काउंसलिंग कराकर उन्हें विद्यालय आवंटित किए जाएंगे और नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे।
एलटी ग्रेड हिंदी में सहायक अध्यापक के 1433 पद हैं और इनमें से 1432 पदों पर अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। वहीं, सामाजिक विज्ञान विषय में सहायक अध्यापक के 1854 पद हैं और 1851 पदों पर अभ्यर्थियों को चयनित किया गया है। हिंदी और सामाजिक विज्ञान के अभ्यर्थियों को रिजल्ट के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा। पेपर आउट प्रकरण में दोनों विषयों का परिणाम डेढ़ साल तक फंसा रहा। बाद में मामले की जांच कर रही एसटीएफ ने जब अंतिम चार्जशीट दाखिल की और पेपर लीक होने के कोई सुबूत नहीं मिले, तब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने दोनों विषय का अंतिम चयन परिणाम जारी किया।
हिंदी और सामाजिक विज्ञान में चयनित अभ्यर्थियों के अभिलेख सत्यापन की प्रक्रिया पूरी कराई जा चुकी है। हिंदी में अर्हता के विवाद के कारण अभ्यर्थियों की फाइलें आयोग में फंसी रह गईं, जबकि सामाजिक विज्ञान विषय में अर्हता संबंधी कोई विवाद नहीं था। दोनों विषयों के चयनित अभ्यर्थी आयोग में कई बार ज्ञापन देकर मांग कर चुके हैं कि उनकी फाइलें माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को शीघ्र भेज दी जाएं। आयोग के सूत्रों का कहना है कि दोनों विषयों के चयनित अभ्यर्थियों की फाइलें तैयार करने का काम अंतिम दौर मेें है। इस माह फाइलें निदेशालय को भेज दी जाएंगी। निदेशालय को फाइलें मिलने के बाद अभ्यर्थियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो जाएगा।
अपने ही साथियों से जूनियर हो गए अभ्यर्थी
एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा 29 जुलाई 2018 का आयोजित की गई थी। 15 विषयों में एलटी ग्रेड शिक्षकों के 10768 पदों पर भर्ती होनी थी। हिंदी और सामाजिक विज्ञान विषय को छोडक़र बाकी विषयों के चयनित अभ्यर्थियों की फाइलें निदेशालय को भेजी जा चुकी हैं और इनमें से कला विषय को छोडक़र बाकी विषयों के अभ्यर्थियों को नियुक्ति भी मिल गई है, लेकिन हिंदी एवं समाजिक विज्ञान विषय के चयनित अभ्यर्थी पीछे रह गए। अब ये अभ्यर्थ अन्य विषयों के चयनित अभ्यर्थियों से जूनियर हो गए हैं और इसका असर इनके वेतन, इंक्रीमेंट, प्रमोशन पर भी पड़ेगा।
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