सिर्फ परिषदीय स्कूलों पर खर्च होगा पार्षद कोटा
सिर्फ परिषदीय स्कूलों पर खर्च होगा पार्षद कोटा
पार्षद कोटे की चौथी किस्त का पैसा सिर्फ परिषदीय विद्यालयों पर ही खर्च किया जा सकेगा। निजी स्कूलों पर कोटे का पैसा खर्च नहीं किया जा सकेगा। यह बात नगर आयुक्त ने शुक्रवार को साफ कर दी। ऐसे में अब उन पार्षदों को झटका लग सकता है जो सांसद-विधायक निधि की तरह कोटे का पैसा किसी भी स्कूल पर खर्च करने की छूट मान रहे थे।
काम होने के बाद तत्काल भुगतान के वादे पर पार्षद कोटे की चौथी किस्त का पैसा प्राइमरी स्कूलों पर खर्च करने को लेकर दो दिन पहले पार्षद दल नेताओं के साथ हुई बैठक में सहमति बन गई थी, पर प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट आदेश न आने के चलते पार्षद यह मान रहे थे कि कोटे की राशि किसी भी स्कूल पर खर्च कर सकते हैं। वरिष्ठ पार्षद गिरीश मिश्र, अमित चौधरी, पूर्व पार्षद पंकज पटेल आदि का कहना है कि निजी स्कूलों पर भी तो सरकारी नियम लागू हैं। वहां भी काम कराया जा सकता है। कुछ पार्षद तो यह भी कह रह थे कि जब सांसद-विधायक निधि का पैसा किसी भी स्कूल को दिया जा सकता है तो फिर पार्षद कोटे का क्यों नहीं।
...स्कूल है नहीं, मदरसे का जिक्र नहीं
बेगम हजरत महल बजरंग बली वार्ड में कोई भी सरकारी प्राइमरी स्कूल नहीं है। वार्ड के पार्षद और कार्यकारिणी सदस्य मो. सलीम कहते हैं कि यहां सिर्फ एक सरकारी मदरसा है। वहां भी गरीब बच्चे पढ़ते हैं। उसकी हालत भी ठीक नहीं है। वहां कोटे से काम कराया जा सकता है या नहीं। इस बारे में कोई कुछ नहीं बता पा रहा है।
मौखिक चल रहा काम, प्रस्ताव पास कराया जाए
कुछ पार्षदों का कहना है कि स्कूलों पर कोटे का पैसा खर्च करने को लेकर कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया गया है। नगर निगम प्रशासन ने प्रस्ताव भी नहीं मांगा है। सब मौखिक चल रहा है। नई व्यवस्था से पहले उसका प्रस्ताव कार्यकारिणी और सदन से पास कराया जाता तो अच्छा होता।
250 स्कूूलों पर खर्च होने हैं 18 करोड़ रुपये
कायाकल्प योजना के तहत शहर के करीब 250 स्कूूलों में वार्ड विकास निधि से काम कराया जाना है। जिसमें स्कूलों में इंटरलॉकिंग, टाइल्स लगाने, रंगाई-पुताई, गेट, प्लास्टर व टूट फूट की मरम्मत, पेयजल की सुविधा के लिए सबमर्सिबल व टंकी लगाने आदि का कराया जाना। इस पर करीब 18 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
कहीं आप का दबाव तो नहीं
प्राइमरी स्कूलों के कायाकल्प को लेकर अचानक नगर निगम का पैसा खर्च किए जाने के पीछे कुछ राजनीतिक वजह भी मानी जा रही है। कुछ पार्षद कह रहे हैं कि आम आदमी पार्टी की ओर से प्राइमरी स्कूूूलों की दयनीय हालत पर सवाल उठाए जाने के बाद शासन-प्रशासन हरकत में आया है और अचानक नगर निगम के बजट को उस पर खर्च करने की तैयारी कर ली गई।
वार्ड विकास निधि की चौथी किस्त से सिर्फ परिषदीय स्कूलों में ही मरम्मत और जनसुविधाओं का काम कायाकल्प योजना के तहत कराया जा सकता है। अन्य किसी तरह के प्राइवेट स्कूलों में वार्ड विकास निधि को खर्च नहीं किया जा सकेेगा।
- अजय द्विवेदी, नगर आयुक्त
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