कस्तूरबा विद्यालयों में शिक्षकों के एक हजार से अधिक पद खाली, जानें, चयन के लिए मेरिट का नया फॉर्मूला
कस्तूरबा विद्यालयों में शिक्षकों के एक हजार से अधिक पद खाली, जानें, चयन के लिए मेरिट का नया फॉर्मूला
➡️ 2020-21 सत्र के लिए चयन के मानक तय, नहीं होगा वार्डन का चयन
➡️ दूसरे जिले में समायोजित हो सकेंगे कस्तूरबा के सरप्लस शिक्षक
➡️ शिक्षकों व कर्मचारियों के लिए अधिकतम आयुसीमा 60 वर्ष निर्धारित
प्रयागराज : प्रदेशभर के 746 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में वार्डन, पूर्णकालिक शिक्षक एवं शिक्षिका के एक हजार से अधिक पद खाली हैं। इन पदों पर 2020-21 सत्र में चयन के लिए अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार की ओर से जिलाधिकारियों को 4 जनवरी को दिशानिर्देश भेजे गए हैं। खास बात यह कि जिन स्कूलों में एक विषय के एक से अधिक शिक्षकों को हटाया गया था उनके समायोजन का रास्ता बन गया है।
यदि किसी जिले में जगह नहीं है तो सरप्लस शिक्षकों को दूसरे जिले में समायोजित किया जाएगा और उसके लिए उनकी सेवाओं को जोड़ते हुए प्राथमिकता दी जाएगी। 29 जुलाई 2013 के पूर्व कार्यरत शिक्षकों के नवीन चयन में टीईटी की अर्हता अनिवार्य नहीं होगी। शिक्षकों व कर्मचारियों के लिए सेवा की अधिकतम आयुसीमा 60 वर्ष तय की गई है। पहले इस संबंध में कोई आदेश नही था।
वार्डन के लिए अलग से चयन नहीं होगा, वरिष्ठतम पूर्णकालिक शिक्षिका को यह जिम्मेदारी दी जाएगी। पाठ्यसहगामी विषयों जैसे कम्प्यूटर, स्काउट, गाइड एवं शारीरिक शिक्षा, कला, क्राफ्ट एवं संगीत के लिए अंशकालिक शिक्षक भी रखे जा सकेंगे। पहले सिर्फ शिक्षिकाओं का चयन होता था। सीडीओ की अध्यक्षता में जनपदीय चयन समिति गठित की जाएगी।
काउंसिलिंग समिति में मनोवैज्ञानिक रहेंगे
स्टाफ चयन की प्रक्रिया में काउंसिलिंग समिति में एक मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ के रूप में सम्मिलित किए जाएंगे ताकि अभ्यर्थियों की मनोदशा एवं दृष्टिकोण की परख की जा सके।
चयन के लिए मेरिट का नया फॉर्मूला
कस्तूरबा विद्यालयों में चयन के लिए बनने वाली मेरिट में हाईस्कूल व इंटर के अंकों का 10-10 प्रतिशत, स्नातक के 20 और प्रशिक्षण (बीएड, डीएलएड आदि) के 30 प्रतिशत अंक जोड़े जाएंगे। इन विद्यालयों में कार्यरत सरप्लस शिक्षक जो दूसरे जिले में आवेदन करेंगे उन्हें अधिकतम 30 प्रतिशत अंक का लाभ मिलेगा।
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