'बाबुओं' की भर्ती में अंग्रेजी ज्ञान हो सकता है अनिवार्य,5 नंबर के होंगे अंग्रेजी के सवाल :-इस तरह सवालों का बंटवारा संभव
'बाबुओं' की भर्ती में अंग्रेजी ज्ञान हो सकता है अनिवार्य,5 नंबर के होंगे अंग्रेजी के सवाल :-इस तरह सवालों का बंटवारा संभव
लखनऊ। यूपीएसएसएससी की समूह 'ग' भर्ती में अंग्रेजी का ज्ञान जरूरी हो
सकता है। आयोग की प्रारंभिक अर्हकारी परीक्षा (पेट) में अंग्रेजी के सवाल
शामिल करने का प्रस्ताव है। शासन से पाठ्यक्रम अनुमोदित होते ही आयोग इसे
जारी कर देगा।
आयोग ने नई भर्तियों में
द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली का फैसला किया है। इसके अंतर्गत पेट से संबंधित
पाठ्यक्रम शासन को मंजूरी के लिए भेजा गया था। शासन ने आंशिक संशोधन का
सुझाव देते हुए सैद्धांतिक सहमति दी थी अब आयोग ने सुझावों के साथ
पाठ्यक्रम में अंग्रेजी को शामिल करते हुए संशोधित मसौदा औपचारिक अनुमोदन
के लिए भेज दिया है।
लखनऊ।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) ने समूह 'ग' की भर्ती परीक्षा के
लिए शासन को जो प्रस्ताव भेजा है उनमें अंग्रेजी के सवाल शामिल करना सबसे
महत्वपूर्ण है। वर्तमान में इस आयोग की भर्तियों में अंग्रेजी से जुड़े
सवाल नहीं पूछे जाते हैं। प्रस्ताव के अनुसार प्रारंभिक अर्हकारी परीक्षा
(पेट) के पाठ्यक्रम में पांच नंबर के सवाल अंग्रेजी विषय से शामिल करने की
योजना है। तर्क दिया जा रहा है कि इससे ऑफिस स्तर पर अंग्रेजी में आने वाले
पत्रों, उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय के निर्णयों को समझकर कार्यवाही
में आसानी होगी।
जानकारी के मुताबिक, प्रारंभिक
अर्हकारी परीक्षा 100 नंबर की होगी। प्रत्येक सवाल एक नंबर के होंगे।
परीक्षा में सवाल हल करने के लिए 120 मिनट मिलेंगे गलत जवाब पर निगेटिव
मार्किंग का प्रस्ताव है। प्रत्येक गलत उत्तर पर 1/4 अंक कटेंगे। पेपर का
स्तर एनसीईआरटी के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट स्तर का होगा।
इस तरह सवालों का बंटवारा संभव
सामान्य हिंदी व अपठित गद्यांश आधारित प्रश्न : 15
सामान्य अंग्रेजी व अपठित गद्यांश आधारित प्रश्न 05
गणित, तर्कशक्ति, ग्राफ व तालिकाओं पर आधारित सवाल 30
सामान्य ज्ञान-विज्ञान, समसामयिक घटनाओं पर आधारित प्रश्न 50
शासन
ने पाठ्यक्रम का सैद्धांतिक अनुमोदन दे दिया है। औपचारिक अनुमोदन मिलते ही
पाठ्यक्रम आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। अभ्यर्थियों की सुविधा
के लिए आयोग मॉडल पेपर भी अपलोड कराएगा ताकि उन्हें तैयारी में आसानी हो
सके। प्रवीर कुमार, चेयरमैन
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग
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