प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में होगा पुरातन छात्र परिषद का गठन
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में होगा पुरातन छात्र परिषद का गठन
गोरखपुर। यूपी के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पुरातन
छात्र परिषद का गठन होगा। इसका खाका तैयार कर लिया गया है। बेसिक
शिक्षामंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी का कहना है कि प्राथमिक विद्यालयों
से पढ़कर निकलने वाले अब आईएएस, आईपीएस, उद्योगपति, डॉक्टर बन गए हैं।
इन
सबको एक प्लेटफार्म पर लाया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी संबंधित स्कूल के
प्रधानाध्यापक व शिक्षकों की रहेगी। पुरातन छात्र परिषद की मदद से
विद्यालयों को चमकाया जाएगा। शैक्षिक गुणवत्ता और बेहतर बनाई जाएगी।
यूपी
में करीब डेढ़ लाख प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। गोरखपुर में
2500 विद्यालय हैं। इनकी देखरेख की जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा विभाग की है।
अब पुरातन छात्र परिषद का गठन करके स्कूलों को और बेहतर बनाने की योजना है।
इस सिलसिले में गत शनिवार को गोरखपुर आए बेसिक शिक्षामंत्री डॉ सतीश
द्विवेदी ने विस्तार से जानकारी दी। बेसिक शिक्षामंत्री ने कहा कि
विद्यालयों को गोद लेने का विकल्प दिया गया है। इसका बड़ा फायदा मिला है।
गोरखपुर में गैलेंट इस्पात लिमिटेड और रोटरी क्लब ने स्कूलों को गोद लिया
है। इन स्कूलों का कायाकल्प हो चुका है । सरकार की मंशा है कि ज्यादा से
ज्यादा लोग आगे आएं और सरकारी स्कूलों को गोद लेकर व्यवस्था को बेहतर बनाने
में सहयोग करें। इसी क्रम में ही पुरातन छात्र परिषद का गठन किया जा रहा
है। जल्द सर्कुलर जारी कर दिया जाएगा।
यूपी के
तमाम आईएएस, आईपीएस, डीआईओएस, बीएसए सहित अन्य अधिकारियों की प्रारंभिक
शिक्षा सरकारी स्कूलों में हुई है। तमाम राजनेता हैं, जो सरकारी स्कूलों से
पढ़कर निकले हैं इन सबको पुरातन छात्र परिषद का हिस्सा बनाया जाएगा इससे
प्राथमिक विद्यालयों के संचालन, श्रावस्ती माना जाता है। श्रावस्ती में
विकास व शैक्षिक गुणवत्ता को और बेसिक शिक्षामंत्री ने कहा कि दिल्ली के
स्कूलों से यूपी की तुलना ठीक नहीं है। यूपी का सबसे छोटा जिला भी 1500 से
ज्यादा प्राथमिक बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। दिल्ली में सबसे कम सरकारी
विद्यालय हैं।
जो करेगा दान उसकी लगेगी नेम प्लेट
बदलते
वक्त के साथ हर विद्यालय में ऑनलाइन पढ़ाई के लिए स्मार्ट क्लास की जरूरत
महसूस की जा रही है। इसके लिए बेसिक शिक्षा परिषद ने ऐसे लोगों या संस्थाओं
की तलाश करने को कहा है जो स्मार्ट क्लास के लिए आर्थिक मदद या सामान जैसे
जनरेटर, इनवर्टर, कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्ट टीवी, प्रोजेक्टर आदि दे
सकें। बेसिक शिक्षा परिषद ने यह भी कहा है कि जो लोग इसमें सहयोग करेंगे
उनकी नेम प्लेट क्लास के बाहर लगाई जाएगी।
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