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विधायक पर लगाए अर्नगल दबाव बनाने के आरोप,बीएसए बोले : शिक्षक नेता के खिलाफ जांच का भुगत रहे खामियाजा

 विधायक पर लगाए अर्नगल दबाव बनाने के आरोप,बीएसए बोले : शिक्षक नेता के खिलाफ जांच का भुगत रहे खामियाजा

मानिकपुर विधायक आनंद शुक्ला द्वारा विधानसभा में अपने खिलाफ मामला उठाने से जिला बेसिक शिक्षाधिकारी ओमकार राणा बिल्कुल भी विचलित नजर नहीं आते। बातचीत में उन्होंने साफ तौर पर कहा कि शिक्षक नेता अखिलेश पांडेय के खिलाफ जांच कराने और उनको दोषी पाए जाने के मामले में मैंने कोई दबाव नहीं माना और इसी का खामियाजा है कि विधायक ने मेरे खिलाफ यह शिकायत की है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की जांच करा ली जाए, वह सही साबित होंगे।


गौरतलब है कि मऊ-मानिकपुर से भाजपा विधायक आनंद शुक्ला ने बेसिक शिक्षाधिकारी ओमकार राणा की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाते हुए सदन में मामला उठाया है। उन पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के आरोप भी लगाए हैं। इस पर बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने उनके साथ एक खंड शिक्षाधिकारी सोमवीर सिंह के खिलाफ जांच बैठाई है। मंडलीय शिक्षा निदेशक (बेसिक) प्रयागराज को यह जांच दी गई है।

जब इस संबंध में बीएसए ओमकार राणा से बात की गई तो उन्होंने खुलकर सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि दरअसल पूरा मामला शिक्षक नेता अखिलेश पांडे, जो रामनगर ब्लाक में जूनियर हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक हैं, से जुड़ा है। बताया कि अखिलेश ने बीए होने के बाद भी साइंस टीचर के रूप में पदोन्नति ली। इस पद के लिए साइंस या मैथ्स से स्नातक होना जरूरी है। इसके अलावा दिव्यांग न होते हुए भी दिव्यांग भत्ते के रूप में लगभग पांच साल तक लाभ लिया। जब उनके सामने यह मामला आया तो उन्होंने इस पर कार्रवाई की। साथ ही रिकवरी कराने की बात कही। अखिलेश पांडेय और विधायक मानिकपुर
की नजदीकियां जगजाहिर हैं। बीएसए के अनुसार, इस पर उन पर मामले को खत्म करने के लिए दबाव बनने लगा। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि विधायक आनंद शुक्ला ने उन पर इस मामले में कोई भी कार्रवाई न करने को कहा। मैसेज भी किए।

इसके उनके पास प्रमाण हैं। जब वह नहीं माने तो उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि उनको जिले में आए लगभग चार पांच महीने ही हुए हैं और इतने कम समय में उन्होंने इतना भ्रष्टाचार कर दिया कि एक जनप्रतिनिधि को उनके खिलाफ विधानसभा में शिकायत करनी पड़ गई। उन्होंने कहा कि एक तो जिस अधिकारी को उनके खिलाफ जांच सौपी गई है वह भी उनके समकक्ष अधिकारी हैं और ऐसे में यह भी एक मुद्दा है। दूसरे, वह हर तरह की जांच को तैयार हैं। बीएसए ने यह भी बताया कि उनका प्रमोशन भी हो गया है और वह पता नहीं कब जिले से तबादले पर अन्यंत्र चले जाएं।

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