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लॉकडाउन के 11 महीने बाद खुले प्राथमिक स्तर के स्कूल, उत्सव जैसा माहौल

 लॉकडाउन के 11 महीने बाद खुले प्राथमिक स्तर के स्कूल, उत्सव जैसा माहौल

लखनऊ। रोली चंदन का टीका, फूलों की वर्षा, बैंड की मधुर धुनें, मनोरंजक खेलकूद गतिविधियां, योगा और पीटी के साथ हल्की-फुलकी पढ़ाई। सोमवार को 11 महीने बाद कक्षा एक से पांच तक के बच्चे स्कूल पहुंचे तो ऐसा मनोरम माहौल देखकर खिलखिला उठे। इस खुशनुमा माहौल में पढ़ाई की टेंशन भूल मौज मस्ती में ही पूरा दिन बिताया। बच्चों के मासूम चेहरों पर बिखरी इस मुस्कान को देखकर शिक्षक शिक्षिकाएं भी आनंदित होते रहे। शिक्षकों ने बच्चों को चॉकलेट देकर अपनी खुशी को साझा किया। पहले दिन प्राथमिक विद्यालयों में 40 फीसदी तो निजी स्कूलों में 50 फीसदी से ज्यादा उपस्थिति रही। स्कूलों के अंदर का नजारा किसी भव्य महोत्सव की तरह रहा तो बाहर बच्चों के चेहरों की भावनाएं व हाव-भाव देखने लायक थे। कुछ छोटे बच्चे तो घर के इतने आदि हो चुके थे कि अपनी मां का हाथ छोड़ने को तैयार नहीं थे। कुछ बच्चों ने माता-पिता का पांव छूकर स्कूल में प्रवेश किया।


छोटे-छोटे कदम चलकर कक्षा में पहुंचे बच्चे
11 महीने बाद विद्यालय में प्रवेश करना बच्चों के लिए एकदम नया अनुभव रहा। पहले की तरह दौड़ के कक्षा में नहीं पहुंचे। बल्कि छोटे-छोटे कदम चलकर कक्षाओं में पहुंचे। प्रवेश करने पर पहले उनका हाथ सैनिटाइज किया गया, थर्मल स्क्रीनिंग के बाद कक्षा में पहुंचे। सेंट जोसेफ, लखनऊ पब्लिक स्कूल में बच्चे सैनिटाइजेशन टनल से होकर पहुंचे तो अवध कॉलेजिएट में मशीन से बच्चों को सैनिटाइज किया गया। बच्चे सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कक्षा में बैठे।

बैंड की धुनों पर स्कूल में किया प्रवेश
सीतापुर रोड स्थित सेंट जोसेफ इंटर कॉलेज में 17 असम रेजिमेंट के जाज बैंड की मधुर धुनों के बीच बच्चों ने प्रवेश किया। यह देश है वीर जवानों की धुन पर सभी झूम उठे। बच्चों पर फूलों की वर्षा की गई। संस्थापिका पुष्पलता वर्मा और प्रबंध निदेशक अनिल अग्रवाल समेत सभी शिक्षकों ने बच्चों का स्वागत किया। यहां पर 70 प्रतिशत छात्रों की उपस्थिति रही। कानपुर रोड अवध कॉलेजिएट में संस्थापक सर्वजीत सिंह, निदेशिका जतिंदर वालिया ने बच्चों संग रिबन काटा, सफेद कबूतर उड़ाकर और केक काटकर सभी छोटे बच्चों का स्वागत किया। शिक्षिकाओं ने सभी बच्चों को तिलक लगाया, वेलकम बेज लगाया और चॉकलेट दिया। सभी शाखाओं की कक्षाओं को गुब्बारे सजाया गया था। शिक्षकों ने इस पल को बच्चों संग सेल्फी लेकर केमरे में कैद किया। यहां करीब 60 फीसदी छात्रों की उपस्थिति रही। सीपी सिंह फाउंडेशन के लखनऊ पब्लिक स्कूल, सिटी मोंटेसरी स्कूल की सभी शाखाओं की प्रवेश गेट से ही गुब्बारों से सजाया गया था। शिक्षिकाओं ने प्रवेश गेट पर सभी बच्चों का हाथ हिलाकर स्वागत किया। इन विद्यालयों में 45 से 55 फीसदी बच्चों की उपस्थिति रही। सीएमएस में नर्सरी व केजी के बच्चे आए थे, जिनकी उपस्थिति करीब 40 फीसदी तक रही। दिल्ली पब्लिक स्कूल, लखनऊ पब्लिक कॉलेज समेत प्राथमिक विद्यालयों को भी बच्चों के स्वागत के लिए रंगीन गुब्बारे लगाए गए थे। प्राथमिक विद्यालय के बच्चे नए झूले और परिसर की पेंटिंग को देख अभिभूत हो उठे। डीपीएस व एलपीसी में 40 फीसदी, तो ब्राइटलैंड में 60 फीसदी तक छात्र मौजूद रहे। देश भारती पब्लिक इंटर कॉलेज में भी बच्चों को टीका लगाकर स्वागत किया गया। देवा रोड स्थित हिम सिटी मोंटेसरी स्कूल में बच्चों का स्वागत कर मास्क भेंट किया गया। यहां पर 45 फीसदी से ज्यादा छात्र मौजूद रहे।
झूला झूले, किया योग
सीपी सिंह फाउंडेशन के लखनऊ पब्लिक स्कूल, सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में बच्चों को योगा अभ्यास कराया गया। बच्चों ने बड़े उत्साह से भाग लिया। सेंट जोजफ इंटर कॉलेज, अवध कॉलेजिएट में बच्चों को मनोरंजक खेल से संबंधित गतिविधियां कराई गईं। इन सभी स्कूलों में शिक्षकों को कोराना से बचाव के लिए मास्क लगाना, सेनिटाइजर इस्तेमाल करना और साबुन से हाथ धोने के तरीके भी बताए। प्राथमिक विद्यालयों में बच्चे नए झूलों पर झूलते व परिसर में खेलते नजर आए।
कुछ प्राथमिक विद्यालयों में दिखी अव्यवस्था
शहर के कुछ प्राथमिक विद्यालयों में अव्यवस्था भी देखने को मिली। प्राथमिक विद्यालय बल्दिखेड़ा की कक्षाओं में गंदगी थी। सैनिटाइजर व थर्मल स्कैनर अंदर अलमारी में रखा था। बच्चों पर इस्तेमाल नहीं किया गया। बेसिक विद्यालय अंबेडकरनगर में भी उचित सफाई नहीं थी। विद्यालय के पास थर्मल स्कैनर नहीं था और बच्चों पर सैनिटाइजर का भी इस्तेमाल नहीं किया गया। प्राथमिक विद्यालय लाजपतनगर में बच्चे समय से आ गए थे, लेकिन विद्यालय में ताला लगा होने की वजह से वे बाहर खड़े थे। प्राथमिक विद्यालय फतेहगंज में भी सजावट व साफ-सफाई नहीं थी। यहां केवल चार बच्चे ही मौजूद रहे। प्राथमिक विद्यालय रानीगंज में भी गंदगी थी। वहीं प्राथमिक विद्यालय हैदरगंज, मालवीय नगर में भी कक्षाएं साफ नहीं थे। बीएसए दिनेश कुमार ने बताया कि प्राथमिक विद्यालयों में करीब 40 फीसदी बच्चे उपस्थित रहे। उनका गुब्बारे, रोली टीके साथ स्वागत कर मिड डे मील भी दिया गया।

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