डीएलएड 2017 और 2018 बैच के प्रशिक्षुओं को प्रमाणपत्र नहीं:- चतुर्थ सेमेस्टर का आ चुका परिणाम, प्रमाणपत्र का इंतजार
डीएलएड 2017 और 2018 बैच के प्रशिक्षुओं को प्रमाणपत्र नहीं:- चतुर्थ सेमेस्टर का आ चुका परिणाम, प्रमाणपत्र का इंतजार
प्रयागराज : प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने का प्रशिक्षण पाठ्यक्रम डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन) कोरोना संकट से उबर नहीं पा रहा है। दो सत्रों 2017 व 2018 की प्रशिक्षण परीक्षा पूरी हो चुकी है, लेकिन प्रशिक्षुओं को अब तक प्रमाणपत्र नहीं मिल सका है। दरअसल कोरोना संक्रमण के कारण प्रिंटिंग कार्य पूरा नहीं हो सका है। इस वजह से प्रशिक्षुओं को प्रमाणपत्र के लिए करीब दो माह और इंतजार करना होगा।
शासन ने डीएलएड प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में प्रशिक्षुओं को प्रोन्नति दी थी। उसी के तहत पिछले महीनों में सेमेस्टर परीक्षा कराकर परिणाम जारी हुए हैं। उन प्रशिक्षुओं को प्रोन्नति नहीं मिल सकी थी, जिनका सत्र के पिछले सेमेस्टर में किसी भी विषय में बैक पेपर आदि रहा है। उन्हें बैक पेपर का इम्तिहान देने के बाद अगले सेमेस्टर की परीक्षा देनी पड़ी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के अनुसार डीएलएड के 2017 व 2018 बैच का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। दोनों सत्रों में करीब दो लाख प्रशिक्षु हैं, उन्हें ऑनलाइन अंकपत्र मुहैया कराया जा चुका है। वहीं, प्रमाणपत्र मिलने का इंतजार प्रशिक्षु लंबे समय से कर रहे हैं। पहले मार्च तक 2017 बैच के प्रशिक्षुओं को प्रमाणपत्र देने की तैयारी थी, लेकिन छपाई का कार्य पूरा नहीं हो सका है। कार्यालय का कहना है कि इसमें करीब दो माह का समय और लग सकता है।
बीईओ टॉपर का जांचा गया था अंकपत्र :
उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) परीक्षा में टॉपर रहे फतेहपुर जिले के प्रणव का अंकपत्र जांच के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी भेजा गया था, क्योंकि वे भी 2017 बैच के हैं और उन्हें अब तक प्रमाणपत्र नहीं मिला है। इस परीक्षा में बीएड का प्रमाणपत्र मान्य रहा है, जबकि अभ्यर्थी ने डीएलएड का प्रमाणपत्र गलत तरीके से लगाया है।
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