महिला सशक्तीकरण के लिए शिक्षा अहम, सीएम योगी बोले जब मैं मुख्यमंत्री बनने के बाद बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में गया तो वहां देखा......!
महिला सशक्तीकरण के लिए शिक्षा अहम, सीएम योगी बोले जब मैं मुख्यमंत्री बनने के बाद बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में गया तो वहां देखा......!
लखनऊ : शिक्षा ही महिला सशक्तीकरण का सबसे बड़ा आधार है। महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान के लिए हर व्यक्ति के जागरूक होने की भी आवश्यकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर नारी की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन के अपने संकल्पों को दोहराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी इसके लिए लंबी दूरी तय करनी है। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित समारोह में योगी ने मिशन शक्ति के दूसरे चरण का शुभारंभ किया।
योगी ने महिलाओं के लिए शुरू की गई योजनाओं का लोकार्पण मुख्य अतिथि उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्र व इंडियन बैंक की सीइओ/एमडी पद्मजा चुन्दुरू के हाथों कराया। ज्ञान सुधा मिश्र ने प्रदेश के 18 परिक्षेत्रीय साइबर थानों में महिला साइबर क्राइम सेल व एक-एक महिला पुलिस चौकी परामर्श केंद्र के साथ ही 13 बालिका छात्रवासों व चार राजकीय बालिका इंटर कालेजों का लोकार्पण किया। पद्मजा ने लखनऊ में सेफ सिटी परियोजना के तहत 45 ¨पक बूथ, 18 ¨पक शौचालय व 660 स्ट्रीट लाइट का लोकार्पण किया। मिशन शक्ति के तहत सराहनीय कार्य करने वाली 15 महिलाओं को पुरस्कृत भी किया गया।
योगी ने कहा कि सरकार ने विविधता को ध्यान में रखते हुए अपने कदम बढ़ाए हैं। तीन वर्षों में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 54 लाख बच्चे बढ़े हैं। कानून-व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिए थाना स्तर पर एंटी रोमियो स्क्वाड का गठन किया गया। मिशन शक्ति के तहत 1535 थानों में महिला हेल्प डेस्क के गठन के साथ महिला सुरक्षा से जुड़ी अन्य योजनाओं के कदम भी बढ़े। योगी ने कन्या सुमंगला योजना, सामूहिक कन्या विवाह, महिला सामथ्र्य योजना, बैंकिंग सखी व महिला कल्याण से जुड़ी अन्य योजनाओं का भी जिक्र किया। कहा कि सूबे में 93 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूहों के जरिये 45 लाख से अधिक परिवारों की सूरत बदली है।
योगी ने कहा कि खाद्यान्न वितरण में गड़बड़ी सामने आने पर कोटेदार का लाइसेंस निरस्त कर उनका संचालन महिला स्वयंसेवा संगठनों के हाथों में सौंपा जाएगा। इसी तरह बाल पुष्टाहार के वितरण भी महिला स्वयंसेवा संगठनों को लगाया जाएगा। कार्यक्रम में 20 किलोमीटर वॉक में टोकियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकीं प्रियंका गोस्वामी ने प्रदेश की बेटियों को खेल के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने की योजनाएं भी लागू करने का आग्रह किया। योगी ने भरोसा दिलाया कि उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा, मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी, डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी, अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, नवनीत सहगल मौजूद थे।
जब मैं मुख्यमंत्री बनने के बाद बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में गया तो वहां बालिकाओं की उपस्थिति अधिक देखकर हैरान हुआ। पता चला कि अभिभावक बेटों को पब्लिक स्कूल में भेज रहे हैं, पर धन के अभाव में बेटियों के साथ अन्याय हो रहा है। इसके बाद ही आपरेशन कायाकल्प की नींव रखी गई और सूबे के 93 हजार विद्यालयों को कान्वेंट व पब्लिक स्कूल की तर्ज पर आगे बढ़ाया गया।
योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री
’>>13 बालिका छात्रवासों व चार राजकीय बालिका इंटर कालेजों का लोकार्पण
’>>महिला साइबर क्राइम सेल व पुलिस चौकी परामर्श केंद्रों की भी शुरुआत
पहले आप..सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। मंच से जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चलने को उठे तो ठीक उसी वक्त न्यायमूर्ति (से. नि.) ज्ञान सुधा मिश्र व एमडी व सीईओ इंडियन बैंक पदमजा चुंदुरु (सबसे बाएं) भी अपनी सीट से उठीं। मुख्यमंत्री ने रुककर लखनवी परंपरा का निर्वहन करते हुए उनसे पहले चलने का आग्रह किया ’ रंगनाथ तिवारी
माता के समान कोई नहीं
योगी ने अपने उद्बोधन की शुरुआत ‘नास्ति मातृसमा छाया, नास्ति मातृसमा गति :। नास्ति मातृसमं त्रण, नास्ति मातृसमा प्रिया।’ श्लोक से की। कहा कि माता के समान कोई छाया नहीं। कोई आश्रय नहीं। कोई सुरक्षा नहीं और माता के समान इस विश्व में कोई जीवनदाता नहीं।
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