बेसिक शिक्षा विभाग में मृतक आश्रितों को सीधे नौकरी देते थे संजय
बेसिक शिक्षा विभाग में मृतक आश्रितों को सीधे नौकरी देते थे संजय
लखनऊ: निदेशक साक्षरता संजय सिंहा सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद रहते हुए तमाम गडबड़ियां की। शासन की अनुमति प्राप्त किये बिना अंबेडकरनगर, सुलतानपुर, अमेठी, लखीमपुर खीरी, आजमगढ़, फतेहपुर, मुजफ्फरनगर, उन्नाव आदि जिलों में पांच साल से अधिक समय बीतने पर मृतक आश्रितों को सीधे अपने स्तर से नियुक्ति प्रदान करने की शिकायत भी उनके खिलाफ मिली थी। सुलतानपुर में रिक्ति शून्य होने पर भी 500 से अधिक शिक्षकों का अन्य जिलों से वहां स्थानांतरण करने का आरोप भी उन पर था। परिषदीय शिक्षकों को शिथिलता प्रदान करते हुए शासनादेश और विभागीय निर्देशों के विपरीत उनकी पदोन्नति करने की शिकायत भी मिली थी। बहराइच, लखीमपुर खीरी, फतेहपुर, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर व अन्य कई जिलों में लगातार अनुपस्थित रहने या अन्य कारण से बर्खास्त शिक्षकों से घूस लेकर नियमावली के विपरीत फिर से सुनवाई कर उन्हें सेवा में रहने के लिए संबंधित बीएसए को आदेश देने का भी आरोप है।
इनके अलावा वर्ष 2016-17 में बिना बीएसए के प्रस्ताव के आगरा में 33, वाराणसी में 44, देवरिया में 23, बिजनौर में 14, सुलतानपुर में 67 व बाराबंकी में 122 तबादले सीधे करने की शिकायत भी मिली थी। सुलतानपुर जिले में जूनियर हाईस्कूल में पद न होने के बावजूद अंतर जिला स्थानांतरण में लगभग 700 शिक्षकों का अवैध तरीके से तबादला करने का मामला भी शासन की जानकारी में आया था।
शासन ने इन शिकायतों की जांच महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद से करायी थी। महानिदेशक ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को बीती 29 जनवरी को उपलब्ध करायी थी। जांच में ज्यादातर शिकायतें सही पायी गईं।
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