अनूठी पहल: भगवान राम पर दुनिया का पहला वचरुअल स्कूल ‘स्कूल आफ राम’
अनूठी पहल: भगवान राम पर दुनिया का पहला वचरुअल स्कूल ‘स्कूल आफ राम’
वाराणसी : भगवान राम के आदर्शाें को नई पीढ़ी तक पहुृंचाने के लिए काशी हंिदूू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के बीए द्वितीय वर्ष के छात्र ¨प्रस तिवाड़ी ने भगवान श्रीराम पर एक वचरुअल विद्यालय का प्रारूप तैयार किया है। इसे नाम दिया है ‘स्कूल ऑफ राम’। इस स्कूल के माध्यम से प्रभु राम के आदशरें को जन-जन तक पहुंचाने के लिए बकायदा कक्षाएं भी चलेंगी। देश-दुनिया के रामकथा के मर्मज्ञ, विशेषज्ञ, शोधकर्ता विभिन्न भाषाओं में लिखी गईं रामकथा पर अपनी कक्षाओं में चर्चा करेंगे। इनसे जुड़ने वाले छात्र अध्ययन के बाद नियत समय पर परीक्षा देंगे और अपनी ज्ञान-संप्राप्ति के आधार पर अंक व प्रमाणपत्र हासिल करेंगे।
इस विद्यालय का उद्घाटन आगामी 24 मार्च को अंतरराष्ट्रीय हंिदूी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति प्रो. रजनीश शुक्ला करेंगे। विद्या भारती द्वारा संचालित विद्यालय बलराम उच्च माध्यमिक आदर्श विद्या मंदिर, बस्सी के पूर्व छात्र ¨प्रस का कहना है कि स्कूल ऑफ राम का उद्देश्य और लक्ष्य बिल्कुल साफ है। हम इस विद्यालय के जरिए चरित्र निर्माण करना चाहते हैं। आदर्श के अभाव में परिवार नाम की जो इकाई नष्ट हो रही है, उसे पुनर्जीवित करना, उसे नव प्राण देना चाहते हैं। व्यक्ति ओर समाज के बीच की कड़ी को पुन: स्थापित करना चाहते हैं, जिसका नाम है परिवार। आज दुनिया के सामने विकृत पर्यावरण की चुनौती विकराल हो गई है। इसे भगवान राम की भांति प्रकृति केंद्रित जीवन जीकर ही ठीक किया जा सकता है।
श्रीराम के इन्हीं युगों पुराने आदशरें एवं रामायण के संस्कारों को अभिनव तरीकों से जन-जन तक पहुंचाने के लिए परिवारों को रामायण के संदेशों के माध्यम से शिक्षित करना है।
’प्रभु के आदर्शो को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास
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