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बीईओ परीक्षा का टॉपर निकला फर्जी, डीएलएड के प्रमाण पत्र को बीएड का बनाकर शामिल हो गया परीक्षा में, बिंदकी का रहने वाला है अभ्यर्थी

 बीईओ परीक्षा का टॉपर निकला फर्जी, डीएलएड के प्रमाण पत्र को बीएड का बनाकर शामिल हो गया परीक्षा में, बिंदकी का रहने वाला है अभ्यर्थी

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वार 30 जनवरी को घोषित किए गए खंड शिक्षाधिकारी परीक्षा (बीईओ) 2019 के रिजल्ट में टॉपर हो जालसाज निकला। खंड शिक्षाधिकारी परीक्षा में बिंदकी फतेहपुर का प्रणव पहले स्थान पर चुना गया था। उसके खिलाफ एक मार्च को एफआईआर दर्ज कराई गई थी। आयोग के सचिव जगदीश ने स्वीकार किया है कि बीईओ परीक्षा के टॉपर प्रणव ने फर्जीवाड़ा किया है। आयोग द्वारा प्रमाण पत्रों और मूल अभिलेखों के आठ, नौ एवं 10 फरवरी को कराए गए सत्यापन में पता चला कि प्रणव ने डीएलएड परीक्षा पास कौ थी, जबकि बीईओ परीक्षा में वह बीएड का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर शामिल हुआ था। आयोग की ओर से प्रमाण पत्रों की जांच में बीएड का प्रमाण पत्र कूटरचित लगने पर उसकी जांच कराई गईं। पता चला कि प्रणव को बीएड का प्रमाण पत्र सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय मे जारी किया है,जबकि परीक्षा नियामक प्राधिकारी बीएड प्रमाण पत्र जारी ही नहीं करता।


उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की सक्रियता से जल्द ही जालसाज को पकड़ लिया गया। प्रमाण पत्रों की जांच में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद प्रणव का चयन निरस्त होना तय हो गया है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की
ओर से 13 दिसंबर 2019 को खंड शिक्षा अधिकारी के 309 पदों के चयन के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। अभ्यर्थियों से 13 जनवरी 2020 तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। पांच लाख 28 हजार 314 आवेदन प्राप्त हुए थे। लिखित परीक्षा का परिणाम एक अक्तूबर को जारी हुआ। 309 पदों के लिए 4591 अभ्यर्थी परीक्षा में सफल हुए। 30 जनवरी को अंतिम परिणाम जारी किया गया। सभी से आवेदन पत्र व अभिलेख प्रमाण पत्र जमा करने के लिए 28 अक्तूबर से 23 नवंबर 2020 तक का समय दिया गया। फतेहपुर के अभ्यर्थी प्रणव ने भी आवेदन पत्र के साथ बीएड प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि संलग्न की थी।

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